* रथशोभायात्रा, रक्तदान शिविर, वैशिष्ठा गंगा की महाआरती
अमरावती/दि.15 – श्री रुक्मिणी पीठ, अंबिकापुर-कौंडण्यपुर श्री क्षेत्र में अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्यजी श्री समर्थ माऊली सरकार का भव्य दिव्य जन्मोत्सव 12 दिसंबर को बडे़ ही ध्ाूमधाम से और आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया. जन्मोत्सव में सम्मिलीत होने हेतु अखिल भारतवर्ष से सभी राज्यों से पधारे अखिल भारतीय संत समिति के पदाधिकारी इंदौर से महामंडलेश्वर श्री राधे राधे बाबा, हिमाचल से महामंडलेश्वर श्री रामायणी महाराज,भोपाल से मंडलेश्वर श्री हनुमानदासजी, मंडलेश्वर श्री अनिलानंद महाराज, अमरावती के शिवधारा आश्रम से श्री संत डॉ. संतोष महाराज सहित सैकड़ों साधुसंतो की मुख्य उपस्थिति जन्मोत्सव कार्यक्रम में रही. माता श्री रुक्मिणी महोत्सव के उपलक्ष्य में 12 दिसंबर को सुबह 10 बजे आदिजगतजननी माता श्री रुक्मीणी की रथ शोभायात्रा निकाली गई. श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर से वारकरियों के दिंडी में ‘रूक्मिणी वल्लभ क्रिष्ण हरी’ नाममंत्र संकीर्तन से संपूर्ण परिसर भक्तिमय हो गया. शोभायात्रा श्री रुक्मीणी पीठ पहुंचते ही माता श्री रुक्मीणी की महापूजा की गई. तत्पश्चात बालकिर्तनकार सुश्री भूमिकादेवी ने जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में किर्तनसेवा प्रस्तुत की. जन्मोत्सव कार्यक्रम के लिए मंचपर उपस्थित महामंडलेश्वर श्री राधे राधे बाबा, श्री रामायणी महाराज, श्री संत डॉ.संतोष महाराज, समेत प्रमुख अतिथी श्री रुक्मीणी पीठ की विश्वस्त पूर्व पालकमंत्री तथा तिवसा विधानसभा की विधायक यशोमति ठाकुर, आर्वी के विधायक श्री दादारावजी केचे, अखिल भारतीय केसरी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता, जन्मोत्सव आयोजन समिति अध्यक्ष तथा श्री रुक्मीणी पीठ के विश्वस्त विलास इंगोले समेत परमपूज्य अनंत श्री विभूषित जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्यजी समर्थ माऊली सरकार का आगमन होते ही ‘सिताराम’ जयघोष से सभामंडप गूंज उठा. मंच पर सिंहासनस्थ होने पर परमपुज्य जगदगुरू समर्थ माऊली सरकार के श्री चरणकमलों का अभिषेकपुजन अमरकंटक के फलहारी पीठ अध्यक्ष राजेश मालवे एवम उनकी धर्मपत्नी पल्लवी समेत यशोमति ठाकुर, विलास इंगोले, दादाराव केचे ने किया. जन्मोत्सव के पर्व पर बधाई देते हुए डॉ. संत संतोष महाराज ने जगदगुरू समर्थ माऊली सरकार द्वारा समाज को अध्यात्मिक एवम सामाजिक ऊंचे स्तर पर ले जानेवाली गतिविधियों की सराहना करते हुए भविष्य में अखिल भारतवर्ष को नई दिशा देकर विश्वगुरू बनाने का अलौकीक कार्य जगदगुरू स्वामीजी द्वारा होना निश्चित है, और सभी देशवासियों को इस कार्य से नई प्रेरणा मिलती रहेगी ऐसा विश्वास व्यक्त किया. अखिल भारतीय संत समिति के संरक्षक पद से निरंतर साधुसंतो को मार्गदर्शन करते हुए समर्थ माऊली सरकार द्वारा सनातन हिंदु धर्म की संस्कृति एवम् सभ्यता का पुनरुत्थान हो रहा है ऐसी महामंडलेश्वर श्री रामायणी महाराज ने जगदगुरू स्वामीजी के प्रती अपनी मंगलकामना व्यक्त की. महाप्रसादी भंडारा लेकर जगद्गुरु की कृपा से जीवन को धन्य माना गया. हर्ष व्यक्त किया गया. सभी कार्यक्रम की सफलतार्थ विलास इंगोले, विजयजी झटाले, जेएमपी फाउंडेशन अध्यक्ष आप्पासाहब देशमुख, पीठ के अध्यक्ष कमलकिशोरजी जायस्वाल, कोषाध्यक्ष रवींद्र जेठवानी, सर्वाधिकारी अजय शेटे, विजयजी हाथे, नंदूभाउ मोरे, भूषण देशमुख आदि ने विशेष सहकार्य किया.
* पंचसूत्रयोग की ध्यानधारणा
सभी महानुभाव साधु संत एवम् भाविक भक्त तथा मातृशक्ति को संबोधित करते हुए स्वामी रामराजेश्वराचार्य ने कहा कि, आज इस आधुनिक विज्ञानयुग मे सनातन वैदिक हिंदू धर्म की परंपरा से चली आ रही सभ्यता एवम संस्कृति का जतन करना चाहिए. और द़ृढता से इस मार्ग का अवलंबन करने की आवश्यकता को सामने रखते हुए प्राचीन स्वर्ग की कल्पना को छोडकर भगवतकृपा से प्राप्त इसी जीवन में श्रेष्ठ कर्मों के आचरण से स्वर्गसुख तथा आनंद प्राप्त करनेके लिये कर्मप्रधानता को मानकर पंचसुत्रयोग की धारणा करनेका मूलमंत्र जगदगुरू स्वामी श्री समर्थ माऊली सरकार ने आशीर्वाद स्वरुप प्रदान किया. इस पीठ पर निर्माणाधिन माता श्री रुक्मिणी के भव्य दिव्य मंदिर के लिए सभी ने स्वयं की क्षमतानुसार आर्थिक सहयोग देकर विदर्भ की विश्वस्तरीय गरिमा बढ़ाने में सहयोग करने के लिए आवाहन भी किया गया.
* संवाद शिविर संपन्न
जन्मोत्सव के अवसर पर 11 दिसंबर को मां वैशिष्ठा के दाहिने तटपर श्री रुक्मीणी पीठ की पावनभुमी में अखिल भारतीय केसरी के व्यापक संगठनात्मक संवाद शिविर आयोजित किया गया. इस समय संगठन संस्थापक परमपूज्य जगतगुरू स्वामी की परमपावन उपस्थिती रही. केसरी संगठन का गठन विधायक कार्य की संकल्पना को जनमानस में स्थापित कर मनुष्य जीवन को स्वर्गीय आनंद की प्राप्ती हेतु पंचसुत्रयोग की विचारधारा को प्रवाहित करने के पवित्र उद्देश से की गई है. इस विचारधारा को जनमानस में प्रवाहित करने हेतु तनमनधन से समर्पित विरकेसरी बनने के लिए किये गये आवाहन पर उपस्थित युवक और युवतियों ने भारी संख्या में मनिषा प्रकट की.
* विद्यारंभ संस्कार ही है चंद्रबुद्धी स्तंभ की प्रथम सीढ़ी
जगदगुरू स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्यजी ने जीवन मे पंचसुत्रयोग की प्रधानता समझाते हुए हमारे बालक बालिकाओंको विद्यारंभ संस्कार से सुसंस्कारित करनेकी आवश्यकता अपनी अमृतवाणी से व्यक्त की. परंपरा से गौरवान्वित सभ्यता एवम संस्कृती के रक्षक बनकर नई पीढ़ी विकसित करने का मानससंकल्प लेना और उसअनुसार श्रेष्ठ आचरण करना और स्वयं की मेधा, प्रज्ञा एवम् बुद्धी को प्रखर तेजस्वी बनाने विद्यारंभ संस्कार 11 दिसंबर को जगदगुरू के सानिध्य में संपन्न कराया गया.
* मां वैशिष्ठा गंगा की महाआरती
श्री क्षेत्र अंबिकापूर-कौंडण्यपुर में श्री रुक्मीणी पिठ की ओरसे मां वैशिष्ठा गंगा महाआरती की गई. इस शुभअवसर पर जगदगुरू स्वामी जी ने स्वयंरचित एवं तालबद्ध आरती गाकर मां वैशिष्ठा (आज प्रचलित वर्धा नदी) की महाआरती की. महाआरती में विधायक यशोमती ठाकुर की माता पुष्पमाला ठाकुर की उपस्थिति के साथ अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता इंदौर निवासी महामंडलेश्वर श्री राधे राधे बाबा, और अन्य साधुसंत और हजारों श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक उत्सव के साक्षी बनते हुए उपस्थित रहकर महाआरती में सहभाग लिया.
* विविध उपक्रमों का आयोजन
श्री रुक्मीणी पिठ तथा जेएमपी फाऊंडेशन द्वारा आयोजित नेत्रचिकीत्सा एवम् उपचार शिविर में तिवसा तहसील क्षेत्र से भाविक भक्तों एवम संपूर्ण भारतवर्ष से पधारे साधु संतों ने लाभ लिया. रक्तदान शिविर में 35 दाताओं ने रक्तदान कर सामाजिक दायित्व का परिचय दिया.