अमरावती

भाजपा ने किया व्याघ्र प्रकल्प कार्यालय में ठिय्या आंदोलन

पालकमंत्री ठाकुर व राज्यमंत्री कडु का पोस्टर फूंका

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३० – विगत दिनों घटित रेंजर दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले को लेकर इन दिनों जनभावनाओं में जबर्दस्त उबाल देखा जा रहा है और दीपाली चव्हाण की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित करने के साथ ही उन्हें दंडित किये जाने की मांग जोर पकड रही है. इसी मांग को लेकर विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों द्वारा रोष प्रदर्शन किया जा रहा है. जिसके तहत भारतीय जनता पार्टी द्वारा मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प कार्यालय में ठिय्या आंदोलन किया गया. साथ ही इस समय इस जघन्य कांड पर लगातार चुप्पी साधे बैठे राज्य की महिला व बालविकास मंत्री यशोमति ठाकुर तथा राज्यमंत्री बच्चु कडू के पोस्टर भी भाजपाईयों द्वारा जलाये गये.
इस समय भाजपा पदाधिकारियों द्वारा आरोप लगाया गया कि, राज्य की महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल में सरकारी नौकरियों पर रहनेवाली महिलाएं तक सुरक्षित नहीं है. ऐसे में आम महिलाओं की स्थिति के बारे में महज कल्पना ही की जा सकती है. इस आरोप के साथ ही भाजपा पदाधिकारियों ने मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक श्रीनिवास रेड्डी को भी तुरंत प्रभाव से निलंबित किये जाने की मांग की है और रेड्डी सहित पहले ही निलंबित विनोद शिवकुमार को कडी से कडी सजा दिये जाने की भी मांग की गई है.

  • बेलदार समाज ने किया निषेध

बेलदार समाज सेवा संगठन की जिला शाखा द्वारा दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले का कडा निषेध करते हुए उपवन संरक्षक शिवकुमार तथा अपर वन संरक्षक श्रीनिवास रेड्डी के खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई करने की मांग की गई है. इस संदर्भ में जिलाधीश को सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि, विनोद शिवकुमार द्वारा हमेशा किये जानेवाले अपमानास्पद व्यवहार की वजह से दीपाली चव्हाण ने आत्महत्या कर ली. इसके लिए श्रीनिवास रेड्डी भी बराबरी के जिम्मेदार है. जिन्होंने समय रहते इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया.
ज्ञापन सौंपते समय सीमा पाखरे, धनराज चौके, एड. संजय चौके, शीतल किल्लेवार व माधुरी चव्हाण आदि उपस्थित थे.

  • भ्रष्टाचार निर्मूलन समिती ने की कार्रवाई की मांग

आरएफओ दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले पर गहरा दु:ख जताते हुए अखिल भारतीय भ्रष्टाचार निर्मूलन संघर्ष समिती की अमरावती जिला शाखा द्वारा श्रीनिवास रेड्डी व विनोद शिवकुमार नामक दोनों वन अधिकारियोें के खिलाफ सदोष मनुष्यवध का अपराध दर्ज किये जाने की मांग की गई है. समिती के मुताबिक आत्महत्या करने से पूर्व दीपाली चव्हाण द्वारा लिखे गये तीन अलग-अलग सुसाईड नोट को पढकर यह स्पष्ट होता हे कि, विनोद शिवकुमार द्वारा उसे किस हद तक प्रताडित किया जा रहा है. जिससे वह भीतर ही भीतर टूट गयी थी और करीब एक साल से वह मुख्य वन संरक्षक रेड्डी को इस बारे में जानकारी दे रही थी, किंतु रेड्डी ने इस समस्या की ओर कभी कोई ध्यान नहीं दिया. ऐसे में पूरी तरह से थक-हारकर दीपाली चव्हाण ने आत्महत्या कर ली. अत: दीपाली की मौत के लिए दोनों अधिकारी समान रूप से जिम्मेदार है. इसलिए दोनों अधिकारियों के खिलाफ सदोष मनुष्यवध का अपराध दर्ज किया जाये.
ज्ञापन सौंपते समय समिती के विदर्भ अध्यक्ष पवन देशमुख, प्रदेश कार्याध्यक्ष सारिका म्हाला, जिलाध्यक्ष दिलीप नारिंगे, जिला उपाध्यक्ष हरिहर बोचरे, जिला महासचिव प्रज्ञा देशभ्रतार, जिला उपाध्यक्ष पंकज भूयार, शहराध्यक्ष वंदना जामनेरकर सहित मंदा राउत व बबीता अजबे उपस्थित थे.

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