कोविड संक्रमितों के शव पहुंच रहे हैं गांवों तक!
शहरी अस्पतालों में मौत के बाद परिजन करते है गांव में अंतिम संस्कार करने का आग्रह
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१८ – इस समय दिनोंदिन कोविड संक्रमण की रफ्तार तेज हो रही है और कोविड संक्रमितों के साथ ही संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतोें के आंकडे भयावह तस्वीर पेश कर रहे है. इसमें भी ग्रामीण क्षेत्रोें में कोविड संक्रमण एवं मौतों को लेकर हालात बेहद चिंताजनक कहे जा सकते है. किंतु इसके बावजूद कोविड संक्रमण की वजह से शहर के कोविड अस्पतालों में मृत होनेवाले मरीजों में कई मरीजों के शव अंतिम संस्कार हेतु उनके गांवोें और घरों तक ले जाये जा रहे है. ऐसी सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है.
बता दें कि, अमरावती शहर में कोविड अस्पतालों की व्यवस्था बेहतरीन है. ऐसे में शहर व ग्रामीण क्षेत्रोें के अलावा बाहरी जिलों के मरीज भी अमरावती शहर में स्थित कोविड अस्पतालों में इलाज हेतु भरती किये जा रहे है. विगत कुछ दिनों से रोजाना पाये जानेवाले मरीजों की संख्या 1 हजार से अधिक है. साथ ही रोजाना कई मरीजों की मौतें भी हो रही है. जिसमें सर्वाधिक संक्रमितों और मौतोें की संख्या ग्रामीण इलाकों से पायी जा रही है. इस समय कोविड अस्पताल में किसी मरीज की मौत होने पर प्रशासन द्वारा इसकी जानकारी संबंधित मरीज के परिजनों को दी जाती है और तब तक शव को इर्विन अस्पताल के शवागार में रखा जाता है. किंतु कई बार प्रशासन की ओर से संबंधित परिजनों को तुरंत ही अंतिम संस्कार हेतु शव ले जाने के लिए शववाहिका या रूग्णवाहिका उपलब्ध नहीं करायी जाती. ऐसे समय कई लोग कोविड संक्रमित मरीज के शव को अपने निजी वाहनों के जरिये अपने घर तक लेकर चले जाते है. साथ ही यदि महानगर पालिका प्रशासन की शव वाहिका मृतदेह ले जाने के लिए आती है, तो भी कई परिजन अपने मरीज के शव का अंतिम संस्कार गांव में ही ले जाकर करने का आग्रह करते है और यदि शव पीपीई कीट में भी बंद है, तो घर ले जाने के बाद उस पीपीई कीट को निकाल दिया जाता है और अंतिम संस्कार से जुडी तमाम विधियां की जाती है. जिससे मृतदेह के संपर्क में आनेवाले लोगों के संक्रमित होने का खतरा बढ जाता है. मृतदेह जब तक अस्पताल में रहता है, तब तक पुलिस एवं अस्पताल प्रशासन द्वारा संबंधित परिजन को समझाने का प्रयास किया जाता है. किंतु इसके बावजूद कई लोग कुछ भी समझने और सुनने के लिए तैयार नहीं होते. वहीं दूसरी ओर अपने मृत परिजन का शव गांव ले जाने के बाद संबंधित परिवार द्वारा अपने रिश्तेदारों एवं गांववालों से उस व्यक्ति की मौत कोविड संक्रमण की वजह से होने की बात छिपाई जाती है. ऐसे में अंतिम संस्कार में शामिल होनेवाले लोगों की संख्या काफी अधिक रहती है. इससे कई लोगों के कोविड संक्रमित होने का खतरा बना रहता है.
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एक ही फ्रिजर में रखे जाते है सभी शव
जिला सामान्य अस्पताल के शवागार में इस समय केवल एक पुराना फ्रिजर ही शुरू है और स्टिल से बने अन्य फ्रिजर विगत डेढ वर्ष से बंद पडे है. ऐसे में कोविड सहित विभिन्न बीमारियों व दुर्घटनाओें में मृत हुए लोगोें के शव एक ही फ्रिजर में रखने पडते है. साथ ही शवागार में पोस्टमार्टम करनेवाले डॉक्टर व कर्मचारियों सहित इस परिसर में पुलिस एवं मृतकों के रिश्तेदारों की भी मौजूदगी रहती है. ऐसे में कोविड संक्रमित मृतदेहों को रखने हेतु अलग व पर्यायी व्यवस्था किया जाना बेहद जरूरी है.
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शव ले जाने का आग्रह दूसरों के लिए खतरनाक
अपने रिश्तेदार की मौत के दु:खी परिजनों के साथ पुलिस तथा स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा बेहद संयमपूर्ण ढंग से व्यवहार किया जाता है. जिसका फायदा उठाते हुए कई लोग अपने मृत मरीज का शव अपने गांव ले जाने का आग्रह करते है और हर हाल में अपने मृतक मरीज के शव को गांव ले जाने पर अडे रहते है. किंतु इस तरह का आग्रह अन्य लोगोें के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. यह समझे जाने की जरूरत है.