अमरावती

57 मृतकों की अस्थियां व राख पडी है श्मशान में ही!

अपने भी हुए पराये, आंख बंद होते ही फेर ली पीठ

  • राख समेटने के लिए भी कोई रिश्तेदार सामने नहीं आये

  • विलासनगर श्मशान भूमि में अस्थियों से भरे बोरे कर रहे अपनों की प्रतीक्षा

अमरावती/दि.25 – स्थानीय विलास नगर परिसर स्थित श्मशान भूमि में विगत डेढ माह से कोविड संक्रमण की वजह से मृत हुए लोगों के शवों का अंतिम संस्कार करना शुरू किया गया. इस श्मशान भूमि में करीब 70 मृतकों की राख और अस्थियां बोरों में भरकर सुरक्षित रखी गयी है. किंतु इसे ले जाने के लिए मृतकों के परिवार से अब तक कोई भी यहां पहुंचा नहीं है. ऐसे में उन मृतकों की राख और अस्थियां अपने परिजनों के आने का इंतजार कर रही है. किंतु कोरोना की वजह से प्राण गंवानेवाले लोगों की अस्थियों और राख की ओर से उनके परिजनों ने मुंह मोड लिया है.
बता दें कि, इससे पहले स्थानीय हिंदू मोक्षधाम में कोविड संक्रमित मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था. जहां पर काम का बोझ लगातार बढते जाने की वजह से डेढ माह पूर्व विलास नगर स्थित श्मशान भूमि में कोविड संक्रमित मृतदेहों का अंतिम संस्कार किया जाना शुरू किया गया. जिन कोविड संक्रमित मृतदेहों पर विलास नगर श्मशान भूमि में अंतिम संस्कार किया, उनमें से कईयों के रिश्तेदार व परिजन राख व अस्थि समेटने हेतु सामने नहीं आये. ऐसे में मनपा प्रशासन के निर्देशानुसार श्मशान भूमि में सेवा देनेवाले भालेराव नामक कर्मचारी द्वारा ऐसे सभी मृतदेहों की राख और अस्थियों को समेटकर अलग-अलग बोरों में भरा गया और प्रत्येक बोरे पर संबंधित मृतक का नाम व पता लिखकर उन्हें श्मशान भूमि में बने शेड में सुरक्षित रखा गया है.
इस संदर्भ में भालेराव नामक कर्मचारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक विगत कुछ दिनों के दौरान विलास नगर श्मशान भुमि में अमरावती शहर व जिले के तहसील क्षेत्रों सहित नागपुर व वर्धा जैसे बाहरी जिलों व मध्यप्रदेश के कुछ शहरों से वास्ता रखनेवाले मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया है. इन कोविड संक्रमित मरीजों की मौत अमरावती शहर स्थित कोविड अस्पतालों में हुई थी और फिलहाल तक उनके किसी रिश्तेदार ने अमरावती आकर इस राख और अस्थी पर अपना दावा नहीं जताया है. ऐसे में इन मृतकों की राख और अस्थियों को समेटकर सुरक्षित ढंग से रखा गया है और सभी बोरों पर मृतकों के नाम व पते लिखे गये है. भालेराव ने बताया कि, एक मृतक पति-पत्नी की राख को एक ही बोरे में भरकर रखा गया है और इस दम्पत्ति की अस्थियां भी अपने परिजनों का इंतजार कर रही है.

निश्चित अवधी तक किया जाता है परिजनों का इंतजार

इस संदर्भ में श्मशान भूमि के पदाधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि, एक निश्चित अवधि तक मृत व्यक्ति की राख और अस्थियों को ले जाने हेतु उनके परिजनों का इंतजार किया जाता है. इस दौरान यदि कोई भी राख व अस्थि पर दावा करने सामने नहीं आता, तो मनपा प्रशासन के निर्देश पर पूरे विधि-विधान के साथ ऐसी राख व अस्थियों को विसर्जित कर दिया जाता है. इस हेतु शहर के हिंदू मोक्षधाम में अस्थी विसर्जन कुंड भी बनाया गया है. जहां पर सप्तनदी की जलधारा में इन अस्थियों को विसर्जित किया जाता है.

Related Articles

Back to top button