अमरावती

घूसखोर मिले लेकिन निलंबन क्यों रुका?

कुछ विभाग में निलंबन के बाद तत्काल कार्यरत होने के भी कारनामे

अमरावती/दि.21– वरिष्ठों की कृपा से अनेक रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई रुक जाती है. एसीबी व्दारा शिकायतें आने पर जाल बिछाकर संबंधितों पर कार्रवाई की जाती है और मामले दर्ज किए जाते है. रिश्वत लेते समय पकडे गए अधिकारी जिस विभाग के है उनके प्रमुखों को रिपोर्ट भेजकर रिश्वत लेने वाले पर निलंबन की कार्रवाई की सिफारिश की जाती है. संबंधित विभाग व्दारा उस रिश्वतखोर पर कार्रवाई करना अपेक्षित रहता है. लेकिन अनेक बार सक्षम अधिकारी समय बिताने की नीति अपनाते है और रिश्वतखोर अधिकारी अथवा कर्मचारी का निलंबन टाला जाता है. आरोपपत्र दाखिल करते समय ही संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की मंजूरी आवश्यक रहती है. इस कारण ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो पाती यह वास्तविकता है.
रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों के निलंबन के लिए टालमटोल किया जाता है और कानून का उल्लंघन किया जाता है. इसमें आंकडेवारी के मुताबिक निलंबन प्रलंबित रखे जाने में राजस्व विभाग अव्वल है. अनेकों कोे निलंबित किया जाता है लेकिन जल्द ही सेवा में भी ले लिया जाता है. नियमानुसार 48 घंटे की अवधि हवालात में बिताने पर सरकारी कर्मचारी अथवा अधिकारी को निलंबित करना पडता है. लेकिन इसमें जीएडी ने शासन निर्णय निकालकर सुधार किया है. एसीबी की तरफ से संबंधितों पर ट्रैप और गिरफ्तारी बाबत रिपोर्ट आने के बाद उस घूसखोर अधिकारी-कर्मचारी की जानकारी सक्षम अधिकारी के पास भेजी जाती है. उसके बाद संबंधित अधिकारी व्दारा निलंबन के आदेश निकालना अनिवार्य है. वर्ष 2022 में 30 लोगों को रिश्वत लेते हुए दबोचा गया. इसमें से गिनती के लोगों पर ही निलंबन की कार्रवाई की गई है.

* कार्रवाई करना अपेक्षित
रिश्वतखोर जिस विभाग के है उस विभाग प्रमुख को रिपोर्ट भेजकर निलंबन करने की सिफारिश की जाती है. पश्चात संबंधित विभाग व्दारा रिश्वतखोर व्यक्ति पर कार्रवाई करना अपेक्षित रहता है.
– अरुण सावंत,
अपर पुलिस अधीक्षक, एसीबी

2022 में किसी विभाग के कितने रिश्वतखोर पकडे?
विभाग संख्या निलंबन प्रलंबित
मनपा 06 00
जिप/पंस 02 00
महावितरण 03 01
राजस्व/भूमिअभिलेख 07 02
पुलिस 05 00
ग्राम विकास 02 00
सरपंच/सदस्य 05 05

 

Related Articles

Back to top button