नांदगांव पेठ/12 मार्च – गत सप्ताहभर से रतन इंडिया बिजली प्रकल्प व मायक्रोन मटेेरियल कंपनी की मनमानी के विरोध में ईंटभट्टी मालिकों ने एल्गार पुकारा है. वहीं अब इन सभी ने रतन इंडिया की राख न उठाने का निर्णय लिया है. बुधवार से ईंटभट्टी असोसिएशन के सभी वाहनों के चक्के थम गये हैं. एक रुपए कीमत से प्रति टल राख उठाने के शासन नियम होकर रतन इंडिया और मायक्रोन मटेरियल ने नियमों को तिलांजलि देने के कारण ईंटभट्टी मालिक, कारिगर और मजदूरों पर भूखमरी की नौबत आयी है.
रतन इंडिया बिजली प्रकल्प में तैयार होने वाली राख एक रुपए प्रति टन के अनुसार उठाकर ले जाने के लिये शासन का अध्यादेश है. यहां के रतन इंडिया व मायक्रोन मटेरियल ज्यादा पैसे लेकर ईंटभट्टी मालिकों को लुटने का प्रयास कर रहे हैं. नियमानुसार राख मिलनी चाहिए, इसके लिये गत एक सप्ताह से ईंटभट्टी मालिक प्रशासन को पत्रव्यवहार कर न्याय की अपेक्षा कर रहे हैं. लेकिन अब तक प्रशासन व्दारा कोई हल नहीं निकाले जाने के कारण संतप्त ईंटभट्टी मालिकों ने बुधवार से राख उठाकर ले जाने मनाही की है.
राख उठाकर ले जाना बंद किये जाने से रतन इंडिया का सिरदर्द बढ़ने से यह मामला कंपनी के लिये नुकसानदायक होने की संभावना है. जब तक ईंटभट्टी मालिकों को एक रुपए प्रति टन राख नहीं दी जायेगी, तब तक जिले के एक भी ईंटभट्टी मालिक राख नहीं उठाएंगे, ऐसी चेतावनी ईंटभट्टी असो.के राजू चिरडे,धीरज चौहान,राजू लाड, मोहन दरोडी,बलवीर चौहान,किशोर अंबाडकर,सुधीर अंबाडकर, देवीदास बांडाबूचे, राजू दातीर, गोयल सेठ, कैलास रतोडे, सुभाष ईखार,राजू दारोकर,शेख मिनाज,शेख साजिद, बशीर भाई,चंदू बोंडे, हरिभाऊ कलंबे,भैयासाहब निर्मल,गजू तिजारे,राजेन्द्र दारोकर, अजय मोरवाल आदि ने दी है.