अमरावती

बजट में बेलोरा विमानतल के विस्तारीकरण को मंजुरी, लेकिन ‘टेक ऑफ’ के लिए डेढ वर्ष की प्रतीक्षा

विमानतल का पूर्ण विकास करने हेतु 150 करोड रूपयों की है जरूरत

अमरावती/दि.12 – गत रोज राज्य सरकार द्वारा पेश किये गये बजट में अमरावती के बेलोरा विमानतल के विस्तारीकरण को मंजुरी देने की घोषणा की गई. इसके अंतर्गत रन-वे के विस्तार, टर्मिनल इमारत, एअर ट्राफिक कंट्रोल यानी एटीसी इमारत तथा रात के समय लैण्डींग व टेक ऑफ की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. सरकार ने यदि इन सभी विकास कामों के लिए बिना किसी दिक्कत के निधी उपलब्ध कराई, तो भी अमरावती से नियमित हवाई सेवा शुरू होने में कम से कम एक से डेढ वर्ष का समय निश्चित तौर पर लगेगा. जिसके बाद यहां से देश के अलग-अलग शहरों हेतु विमान उडान भरेंगे और अमरावतीवासियों को हवाई यात्रा के लिए नागपुर नहीं जाना पडेगा.
बता दें कि, अब तक अमरावती विमानतल के विकास हेतु सरकार द्वारा 45 करोड रूपये प्राप्त हुए है. जिसमें से 30 करोड रूपये रन-वे के विस्तार पर खर्च किये गये. यहां पर रन-वे की लंबाई 1850 मीटर व चौडाई 30 मीटर है. साथ ही रन-वे पर उपरी स्तर डालने का काम अब भी बाकी है. पहले यहां पर रन-वे की लंबाई 1372 मीटर थी. जिसे 478 मीटर से बढाया गया है. इसके साथ ही विमानतल के चारों ओर 15 करोड रूपये खर्च करते हुए सुरक्षा दीवार बनाई गयी है. यहां पर यदि चारों जरूरी विकास कार्य पूरी रफ्तार के साथ किये जाते है, तो एक से डेढ वर्ष के भीतर बेलोरा विमानतल से 72 सीटर विमानों की सेवा शुरू हो सकती है. इसके लिए सरकार को शेष 150 करोड रूपये बिना किसी दिक्कत के देने होंगे. ज्ञात रहे कि, विगत 14 फरवरी को विमानतल प्राधिकरण की बैठक में नवंबर 2022 से बेलोरा विमानतल से विमान सेवा शुरू करने का निर्णय हुआ. किंतु विमानतल की मौजूदा स्थिति और यहां पर ठप्प पडे कामों को देखते हुए फिलहाल तो नवंबर माह तक बेलोरा से विमानों का उडान भरना संभव नहीं है. यदि सरकार ने एक ही समय पर पूरी निधी उपलब्ध करा दी, तब भी बेलोरा विमानतल से विमानों की उडान शुरू होने में कम से कम एक से डेढ वर्ष का समय लगना तय है. इसके अलावा दूसरे चरण में रात के समय विमानों की लैण्डींग व टेक ऑफ की सुविधा की जायेगी. जिसे कम से कम दो साल का समय लग सकता है. ऐसा तकनीकी अधिकारियों का कहना है.
इस समय तक रन-वे का पूरा विस्तार, नई टर्मिनल इमारत, एअर ट्राफिक कंट्रोल तथा नाईट लैण्डींग व टेकऑफ की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. लेकिन इसके बावजूद नियमित हवाई सेवा शुरू होने को लेकर हवा-हवाई घोषणाओं का दौर शुरू हो चुका है. जबकि अभी विकास कामों ने ही रफ्तार नहीं पकडी है. विमानतल प्राधिकरण द्वारा रन-वे सहित बेलोरा विमानतल के विकास की जवाबदारी महाराष्ट्र विमानतल विकास महामंडल (एमएडीसी) को सौंपी गई है. जिसके बाद रन-वे की लंबाई 1850 मीटर तक बढाया गया. वही निधी के अभाव में विगत चार माह से का पूरी तरह से ठप्प पडा हुआ है और कई ठेकेदारों के बिलों का भी अब तक भुगतान नहीं हुआ है. यदि इन सभी कामों को बिना दिक्कत पूरा किया जाये और निधी उपलब्ध कराई जाये, तभी आगामी डेढ से दो वर्ष के बाद बेलोरा विमानतल से नियमित तौर पर हवाई सेवा शुरू हो पायेंगी.

सबसे पहले दिन में उडान की करनी होगी सुविधा

बेलोरा विमानतल से पहले चरण में केवल दिन के समय 72 सीटर विमानों के उडने व उतरने की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. यहां पर फिलहाल रात के समय विमानों की लैण्डींग व टेक ऑफ होना संभव नहीं है, क्योंकि इसके लिए सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं है. यह सुविधा दूसरे चरण में उपलब्ध करवाई जायेगी.

इस विस्तार की है तुरंत जरूरत

बेलोरा विमानतल पर रन-वे के शेष 20 प्रतिशत काम को पूरा करने, टर्मिनल इमारत व एटीसी टॉवर का निर्माण करने और नाईट लैण्डींग की सुविधा उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण कार्य होने बाकी है. इस समय यहां पर केवल रन-वे का 80 फीसद व सुरक्षा दीवार का 100 फीसद काम पुरा हुआ है. टर्मिनल इमारत का निर्माण पहले से तय प्लान के अनुसार ही होगा. यहां पर कम से कम 100 यात्रियों के लिए सुविधा रहेगी. इसके साथ ही पहले से बने और जर्जर हो चुके टॉवर को जमीनदोज करते हुए नया राडार टॉवर भी बनाना होगा. सबसे उल्लेखनीय व महत्वपूर्ण बात यहां पर रात के समय विमानोें की लैण्डींग व टेकऑफ के लिए सुविधा उपलब्ध कराना है.

इस समय विमानतल पर उपलब्ध सुविधा

1,850 मीटर लंबा व 30 मीटर चौडा रन-वे है तैयार. उपरी थर देने का काम है बाकी.
– रन-वे से लगकर ही विमान को मोडकर टर्मिनल बिल्डींग तक लाने की सुविधा उपलब्ध. साथ ही एक ही समय 2 से 3 विमान आने पर उन्हें खडे रहने हेतु पार्किंग की भी सुविधा उपलब्ध.
– हेलीकॉप्टर के उतरने व उडने के लिए सुविधा उपलब्ध.
– करीब तीन मंजिला राडार टॉवर का काम शुरू ही नहीं हुआ.
– मौजूदा टर्मिनल इमारत को गिराकर वहां पर नये टर्मिनल का निर्माण करने हेतु निधी की आवश्यकता.

एक से डेढ वर्ष का लगेगा समय

सरकार ने यदि एक साथ पूरी निधी उपलब्ध करा दी, तो उस स्थिति में भी विमानतल का काम पूरा होने में एक से डेढ वर्ष का समय लगेगा. इसके पहले चरण में टर्मिनल बिल्डींग, एटीसी टॉवर तथा रन-वे को तैयार करना होगा. वहीं दूसरे चरण में नाईट लैण्डींग व टेकऑफ की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी.
– गौरव उपश्याम
नोडल अधिकारी व व्यवस्थापक, बेलोरा विमानतल

पूरा विमानतल तैयार करने हेतु चाहिए 150 करोड रूपये

बेलोरा विमानतल के पूरे काम हेतु 150 करोड रूपये की जरूरत है. इसमें से सुरक्षा दीवार तैयार करने के लिए 15 करोड व रन-वे तैयार करने के लिए 30 करोड रूपये खर्च हो चुके है. साथ ही शेष कामों को पूरा करने के लिए 105 करोड रूपये की जरूरत है.
-रामेश्वर कुर्जेकर
कार्यकारी अभियंता, एमएडीसी

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