अमरावती/दि.5- ग्रीष्मकाल के चलते नागरिक वैसे ही हैरान परेशान हो गए है और उसमें महंगाई ने उनकी कमर ही तोडकर रख दी है. मसाले व मिर्ची की दरों मे आई तेजी ने गृहणियों का बजट बिगाड दिया है. मिर्ची व मसालों की दरों में होने वाली बढोतरी ने मिर्ची के तिखेपन को और भी अधिक बढा दिया है. मिर्ची घर में बनने वाले भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. गृहणियां अक्सर गर्मी के दिनों में ही मिर्ची पॉउडर तैयार कर रखती है. परंतु इस वर्ष मिर्ची के दाम अधिक बढ जाने से उनका बजट बिगड गया है. दूसरी ओर मांग की तुलना में मिर्ची का उत्पाद भी प्रमाण में हुआ है.
महंगाई का यह दौर और भी कई महीने ऐसा ही जारी रहेगा, ऐसा अंदाज व्यापारी वर्ग ने जताया है. मिर्ची के साथ-साथ मसालों के दरों में भी बढोतरी हुई है. पिछले साल की तुलना में मसालों में कम से कम 50 से 55 प्रतिशत से महंगे हुए है. इन मसालों में सौंप, जिरा, इलायची का समावेश है जिसका सर्वसामान्य को फटका बैठा है.
* ज्यादा मसाला व तीखा सेहत के लिए हानिकारक
ज्यादा मसाला व तीखा सेहत के लिए हानिकारक होते है. मसाले में उपयोग में लाए जाने वाले अनेक पदार्थ काफी उष्ण प्रकृति के होते है. जिन लोगों को एसिडिटी का प्रॉब्लम है, ऐसे लोगों ने गर्मी के दिनों में मसाले के पदार्थो का सेवन कमी करना चाहिए. आम, तरबूज जैसे मौसमी फलों का सेवन अधिक प्रमाण में करना चाहिए. आहार तज्ञों के अनुसार हमें अधिक प्रमाण में अपने भोजन में फलों का समावेश करना चाहिए, ऐसी सलाह उन्होंने दी है.
– सौंप व जिन गरम मसालों का उत्पादन कम प्रमाण में हुआ है, ऐसे मसालों के निर्यात भी बढने से उनकी दर भी बढ रहे है. वर्ष भर ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी ऐसा अंदाज जताया गया है.
– अनिल खरपे,
मसाला विक्रेता
– मिर्ची की आवक फिलहाल मांग की तुलना में 50 प्रतिशत से घटी है. इसलिए मिर्ची के दाम भी काफी बढे है और भी कुछ महीने ऐसी ही परिस्थिति बनी रहेगी, ऐसा व्यापारी वर्ग का कहना है.
– हरिदास वानखडे,
मिर्ची व्यापारी
* लाल मिर्ची के बढे दाम (प्रति किलो)
प्रकार 2022 2023
बेगडी 160 550
काश्मिरी 300 650
लवंगी 160 240
गुंटूर 140 250
* कितनी महंगाई (प्रतिकिलो)
मसाला प्रकार 2022 2023
इलायची 1500 2000
जिरा 2000 2500
सौंप 200 300