अमरावती

विशेष रेलगाडियों से यात्रियों की जेब पर बोझ

अकोला के लिए देना पड रहा पांच गूना अधिक किराया

  • लंबी दूरी के लिए दो गूना अधिक किराया अदा करना पड रहा

  • अनलॉक में किराये की दरें पूर्ववत करने की मांग

अमरावती/दि.30 – अब धीरे-धीरे कोरोना का संक्रमण और खतरा कम होने लगा है. तथा रेल महकमे द्वारा काफी बडी संख्या में विशेष रेलगाडिया चलायी जा रही है. किंतु इन रेलगाडियों का किराया काफी अधिक है. जिसकी वजह से यात्रियों को इन विशेष रेलगाडियों से यात्रा करने के लिए अपनी जेबे जमकर हलकी करनी पड रही है. इसमें भी यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जहां एक ओर लंबी दूरी की यात्रा हेतु दो गुना किराया अदा करना पड रहा है, वहीं दूसरी ओर छोटी दूरी की यात्रा हेतु करीब पांच गुना किराया दरें अदा करनी पड रही है. जिससे आम लोगों को काफी समस्याओं व तकलीफों का सामना करना पड रहा है. ऐसे में अब सभी लोगों द्वारा मांग की जा रही है कि, कोरोना काल के बाद रेल यात्रा की दरों को पूर्ववत किया जाये और विशेष रेलगाडियों की बजाय नियमित रेलगाडियां चलायी जाये, ताकि सभी आम लोगों को राहत मिले.
बता दें कि, अमरावती जिले में बडनेरा रेल्वे स्टेशन एक जंक्शन के तौर पर जाना जाता है, और यहां से बडी संख्या में यात्री देश के कोने-कोने तक जाना-आना करते है, क्योंकि बडनेरा रेल्वे स्टेशन नागपुर व हावडा रेल लाईन पर स्थित है. साथ ही नरखेड रेल लाईन होते हुए उत्तर व दक्षिण दिशा की ओर जानेवाली रेलगाडियों को भी शुरू किया गया है. कोरोना खतरे की वजह से लॉकडाऊन घोषित किये जाने के चलते सभी रेलगाडियों का संचालन रोक दिया गया था. वहीं अब धीरे-धीरे कई रूटोें पर विशेष रेल सेवा बहाल की गई है और कोरोना का खतरा जैसे-जैसे घट रहा है, वैसे-वैसे इन विशेष रेलगाडियों की संख्या को बढाया जा रहा है. जिससे आम लोगों को अब आवागमन करने में सुविधा हो रही है, लेकिन इसके लिए रेल यात्रियों को पहले की तुलना में दो से तीन गुना अधिक किराया अदा करना पड रहा है. क्योेंकि इन रेलगाडियों की किराया दरें काफी अधिक है. ऐसे में पहले से ही कोरोना काल की वजह से आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे लोगों को रेलयात्रा करने में भी बडे पैमाने पर अपनी जेबे हलकी करनी पड रही है और रेलवे द्वारा यात्रा दरें बढाये जाने की वजह से आम लोगोें में काफी हद तक रोष व संताप भी देखा जा रहा है, तथा जल्द ही पहले की तरह नियमित रेलगाडियां शुरू करते हुए यात्रा दरों को पूर्ववत करने की मांग जोर पकड रही है.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती सहित समूचे विदर्भ क्षेत्र के कई लोगबाग अपने कामधंधे की वजह से मुंबई व पुणे जैसे बडे शहरों में बस गये है. साथ ही कई विद्यार्थी भी अपनी पढाई-लिखाई के लिए मुंबई व पुणे जैसे महानगरों का रास्ता पकडते है. ऐसे में यहां से लोगोें का मुंबई, पुणे जैसे महानगरों की ओर बडे पैमाने पर जाना-आना लगा रहता है. कोरोना काल के दौरान लॉकडाऊन लग जाने की वजह से सभी लोगबाग अपने-अपने कामकाजी शहरों को छोडकर अमरावती वापिस लौट आये थे, और अब जैसे ही लॉकडाऊन को शिथिल किये जाने के बाद अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढाया जा रहा है, वैसे ही आवागमन के साधनों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके तहत रेल महकमे द्वारा कई रूटों पर विशेष रेलगाडियां चलायी जा रही है. लेकिन इन रेलगाडियों की यात्रा दरें नियमित रेलगाडियों की तुलना में दो से तीन गुना अधिक है. साथ ही यदि इन रेलगाडियों से छोटी दूरी की रेल यात्रा की जाती है, तो करीब चार से पांच गुना अधिक शुल्क अदा करना पडता है. कोरोना काल से पहले बडनेरा से मुंबई का यात्रा शुल्क 390 रूपये था, वहीं अब विशेष रेलगाडी के लिए यह यात्रा शुल्क 505 रूपये लिया जा रहा है. वहीं बडनेरा से अकोला के लिए पहले पैसेेंजर ट्रेन का किराया 20 रूपये और एक्सप्रेस ट्रेन का किराया 85 रूपये हुआ करता था, जो अब 415 रूपये लिया जा रहा है. यह किराया अदा करना सर्वसामान्य लोगों के लिए बिल्कूल भी संभव नहीं है और रेल गाडी के जरिये छोटी दूरी की यात्रा करना सामान्य लोगों के लिए काफी महंगा सौदा साबित हो रहा है. किंतु बावजूद इसके बेहद जरूरी रहने पर लोग मजबूरी में यात्रा कर रहे है.
उल्लेखनीय है कि, कोरोना काल से पहले बडनेरा रेलवे स्टेशन होकर करीब 60 रेलगाडियां दौडा करती थी. जिसमें विभिन्न साप्ताहिक रेलगाडियों का भी समावेश था. वहीं अब लॉकडाऊन काल के बाद बडनेरा से होकर करीब 30 यात्री रेलगाडिया चल रही है. इसमें भी अधिकांश रेलगाडिया सप्ताह में एक या दोन ही चला करती है. और अब भी नियमित रेलगाडियों की संख्या काफी कम है. ऐसे में एक स्थान से दूसरे स्थान के बीच यात्रा करने हेतु अब भी साधनों का काफी हद तक अभाव है. वहीं दूसरी ओर इस यात्रा के लिए यात्रियों को पहले की तुलना में काफी अधिक शुल्क अदा करना पड रहा है.

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