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अलग विदर्भ की मांग
परतवाडा/दि.३० – पिछले कई वर्षों से अलग विदर्भ की मांग जोर पकड रही है. इसी मांग को लेकर पूर्व सांसद जामुवंत धोटे ने रथ यात्रा निकालकर आंदोलन किया था. उसी श्रृंखला में विभागीय अध्यक्ष बंटी केजरीवाल ने कोरोना के नियमों का पालन करते हुए विदर्भवादियों ने नागपुर करार की होली जलाकर आंदोलन किया.
विदर्भवादी आंदोलनकर्ताओं के अनुसार नागपुर करार के आधार पर १९९३ में विदर्भ को जबरन महाराष्ट्र में शामिल किया गया था. उस समय एक करार किया गया था कि विदर्भ के लोगों को २३ प्रतिशत सरकारी नौकरी में शामिल किया जाएगा. इसी तरह रास्ते, स्वास्थ्य सेवा, सिंचाई, किसानों को पर्याप्त सुविधाएं दी जाएगी. मगर करार के अनुसार किसी तरह की सुविधा प्राप्त नहीं हुई. विदर्भ के हिस्से में आने वाली नौकरियां अन्य क्षेत्रों में बांट दी गई. राज्य में १२ हजार ५२८ मेगा पुलिस भर्ती ५० प्रतिशत युवाओं पर होने वाले अन्याय को दूर करने की मांग को लेकर नागपुर करार की होली जलाकर राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारे लगाए. इस समय विदर्भवादी कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे.