अमरावती

लालखडी के जलशुध्दिकरण प्रक्रिया केंद्र की क्षमता बढेगी

जलस्त्रोतों का प्रदुषण होगा कम

अमरावती/ दि.29- शहर के सभी नालों का दुषित पानी लालखडी के जलशुध्दिकरण प्रक्रिया केंद्र में भेजा जाता है, लेकिन शहर के बढते आकार के चलते केंद्र की क्षमता कम रहने से 20 फीसदी पानी पर ही प्रक्रिया नहीं होती है और पानी नदी में बह जाता है. जिससे इन नदियों का प्रदुषण बढ रहा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए मनपा ने लालखडी जलशुध्दिकरण प्रक्रिया केंद्र की क्षमता बढाने का निर्णय लिया है. जिससे शहर का संपूर्ण दूषित जल साफ होकर नदियों में मिश्रित होगा.
यहां बता दे कि, जलप्रक्रिया केंद्र में लगभग 78 एमएलडी पानी पर प्रक्रिया कर वह साफ किया जाता है. बावजूद इसके शहर के छोटे बडे नाले के पास सटे तालाब और पेढी नदी को प्रदूषित कर रहे है. तालाब और नदी का प्रदूषण रोकने का मनपा व्दारा उपाय योजनाएं तैयार की गई है. प्रदूषित जलस्त्रोत का पानी जल प्रक्रिया केंद्र तक पहुंचाकर वह शुध्द किया जाएगा. इसी उद्देश्य से लालखडी प्लाँट की क्षमता बढाने का निर्णय लिया गया है. लालखडी में दो प्लाँट है. इनमें से एक प्लाँट मेें 40 व दूसरे प्लाँट में 38 एमएलडी पानी साफ किया जाता हैैं. शहर के नाले व नालियों से रोजाना 90 एमएलडी पानी बहता है. उसके अलावा जो नाले तालाब अथवा नदी में जाकर मिलते है, उनका दूषित पानी की मात्रा का इसमें समावेश नहीं है. इसलिए जलस्त्रोत प्रदूषित हो रहा है. इसलिए जल प्रक्रिया केंद्र की क्षमता बढाने की योजना तैयार की है.

जल प्रक्रिया केंद्र की क्षमता 160 एमएलडी तक बढाने का निर्णय मनपा ने लालखडी के जलप्रक्रिया केंद्र की क्षमता 160 एमएलडी तक बढाने का निर्णय लिया है. स्वच्छता और निर्माण कार्य विभाग को संपूर्ण योजना की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अलावा स्वच्छता के लिए उपलब्ध कराये गए निधि में से कुछ निधि योजना के लिए उपयोग में लाने की अनुमति दी गई है.

जल स्त्रोतों का प्रदूषण होगा कम

शहर में घरों सेे निकलने वाला गंदा पानी तालाब व नदियों में जाकर मिलता है. जिससे नदी, नाले प्रदूषित हो रहे है. जलप्रक्रिया केंद्र की क्षमता बढाने के बाद इसके अलावा पानी अन्यत्र भेजने के बाद प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी.
-डॉ.सीमा नेताम, स्वास्थ्य अधिकारी, मनपा

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