गुजरात से आए नक्काशीदार मटके कर रहे आकर्षित
ग्रीष्म का अहसास तेज होते ही बढी मटकों की डिमांड
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* कम हुई रांजन की बिक्री
अमरावती/ दि. 20-ग्रीष्म की आहट तेज होते ही शहर के विभिन्न भागों में मिट्टी के सुंदर मटकों की दुकानें सज गई है. फिर वह बडनेरा रोड हो या रहाटगांव रोड अथवा गाडगेनगर. लोग भी गुजरात से आयातीत सुंदर पेंटिंग व नक्शी काम के टोटी लगे मटके पसंद कर रहे हैं. विक्रेताओं ने बताया कि अमरावती के अपने पूर्णानगर में भी इस तरह के नये डिजाइन के मटके तैयार हो रहे और काफी मात्रा में ग्राहकों द्बारा पसंद किए जा रहे हैं.
150 रूपए से रेंज प्रारंभ
शहर के नवाथे प्लॉट, साईनगर, वडाली, शेगांव, नवसारी, पंचवटी चौक मार्ग, नागपुर मार्ग पर सडक किनारे मटका विक्रेताओं की दुकानें सजी है.् उसी प्रकार चपरासीपुरा से जूना बायपास और एमआयडीसी में मटके विक्रेता आए हैं. पारा छत्तीस डिग्री पार होने से गर्मी का अनुभव हो गया है. इसलिए मटके काफी प्रमाण में बिक रहे हैं. 150 रूपए से लेकर 900 रूपए तक मटके होने की जानकारी विक्रेताओं ने अमरावती मंडल को दी. उन्होंने बताया कि टोटी लगे और बडे ढक्कन के मटके के रेट अलग रहते हैं. टोटी कई बार हाथों हाथ लगाकर दी जा रही है.
स्टैंड और मिट्टी के कटोरे
मटका रखने के लिए स्टैंड भी उपलब्ध हैं. लोगों की पसंद के अनुसार काले और लाल रंगों के मटके उपलब्ध है. बल्कि अपनी- अपनी सोच के अनुसार लोगों को रंगों में भी मटके में रखे पानी के शीतल रहने का अंदाज है. पशु-पक्षियों के लिए मिट्टी के कटोरे में पानी रखा जाता है. वह कटोरे यहां विक्रेताओं के पास उपलब्ध है.
* स्वाद के लिए पसंद किया जाता
मटके का पानी कई लोगों को बडा पसंद आता है. विशेषकर ग्रीष्मकाल में मटके का पानी लोग चाव से पीना चाहते हैं. इसलिए फ्रीज और आरओ उपकरणों के दौर में भी मटके की विक्री बनी हुई है. अधिकांश घरों में आज फ्रीज रहने पर भी लोग मटके पसंद कर रहे हैं.