मामला गोल्डन फाईबर कंपनी के कामगारों को विषबाधा का
कंपनी के कैंटिंग संचालक के पास लाईसेंस ही नहीं
* अन्न व औषधि प्रशासन के असिस्टंट कमिश्नर द्वारा की जाएगी दंडात्मक कार्रवाई
* खाद्य पदार्थ सहित अनाज के सैंपल लेकर आज भेजे गए प्रयोगशाला में
* कल मिलेगी जल नमूने की रिपोर्ट
अमरावती/दि. 14 – रविवार 12 जनवरी को नांदगांव पेठ एमआईडीसी के गोल्डन फाईबर प्रा. लि. कंपनी में सुबह नाश्ता करते समय पानी पिने से वहां से सैकडों कामगारों को विषबाधा हो गई थी. इस प्रकरण में जिला स्वास्थ विभाग द्वारा जल नमूने व अन्न व औषधि प्रशासन द्वारा अनाज के नमूने जांच हेतु लिए गए थे. जल नमूने की रिपोर्ट कल प्राप्त होनेवाली है. जबकि खाद्य पदार्थ व अनाज के नमूने आज शासकीय प्रयोगशाला भेजे गए है. सबसे चौकानेवाली बात यह कि, इस कंपनी के उपहार गृह को चलाने का लाईसेंस भी संबंधित ठेकेदार के पास न रहने से उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानेवाली है.
नांदगांव पेठ एमआईडीसी में धागा तैयार करनेवाली गोल्डर फाईबर प्रा. लि. कंपनी में तीन शिफ्टो में सैकडों कामगार काम करते है. रविवार 12 जनवरी को सुबह 9.30 बजे के दौरान कंपनी की कैंटिंग में नाश्ता करते समय पानी पिने से अनेक कामगारों को विषबाधा हो गई थी. कंपनी में यह कैंटिंग वहां कार्यरत सिक्युरिटी गार्ड के मुखिया रावत चलाते है. कामगारों को विषबाधा होने से हडकंप मच गया था. घटना प्रकाश में आने के बाद सभी कामगार मरीजों को जिला अस्पताल सहित शहर के कुछ निजी अस्पतालों में भर्ती किया गया था. सांसद बलवंत वानखडे, विधायक रवि राणा और मनसे नेता पप्पू पाटिल ने अस्पताल पहुंचकर सभी कामगारों से मुलाकात करने के बाद वैद्यकीय अधिकारियों को उपाययोजना करनेबाबत आवश्यक सूचना दी थी. साथ ही जिला प्रशासन ने भी इस प्रकरण को गंभीरता से लिया. पश्चात तिवसा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजेश वानखडे ने नांदगांव पेठ एमआईडीसी पहुंचकर कंपनी के अधिकारियों को आडे हाथों लिया था. जिला स्वास्थ अधिकारी डॉ. संजय आसोले ने कामगारों द्वारा लगाए गए आरोप के मुताबिक जल नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए थे. इस जल नमूने की जांच रिपोर्ट बुधवार 15 जनवरी को प्राप्त होनेवाली है, ऐसी जानकारी डॉ. संजय आसोले ने दी. वहीं अन्न व औषधि प्रशासन ने इस कैंटिंग का जायजा कर रविवार को सुबह नाश्ते में कामगारों को दिया गया मेंदुवडा, सांभार, नाश्ता तैयार करने के लिए वहां रखी गई उडद दाल, तुअर दाल, हलदी, मिर्ची, धनिया, रिफाइंड सोयाबीन तेल के नमूने लिए और आज उसे जांच के लिए शासकीय प्रयोगशाला भेज दिए है. इन नमूनों की जांच रिपोर्ट एक पखवाडे बाद मिलेगी, ऐसी जानकारी अन्न व औषधि प्रशासन के प्रभारी असिस्टंट कमिश्नर बी.के. चव्हाण ने अमरावती मंडल को दी. उन्होंने बताया कि, गोल्डन फाईबर कंपनी की कैंटिंग वहां के सिक्युरिटी विभाग के मुखिया कोई रावत चलाते है. उनके पास कैंटिंग चलाने का लाईसेंस नहीं है. उन्होंने इस बाबत आवेदन किया है. लाईसेंस न रहने के बावजूद कंपनी में कैंटिंग चलाए जाने से उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानेवाली है. इसके अलावा कंपनी की कैंटिंग में कामगारों के स्वास्थ व सुरक्षा की दृष्टि से स्वच्छता प्रशंसनीय है.
* अनेकों को कुछ न खाने पर भी हुई विषबाधा
अन्न व औषधि प्रशासन के अतिरिक्त आयुक्त बी.के. चव्हाण ने अमरावती मंडल को बताया कि, कैंटिंग का लाईसेंस न रहने के कारण संबंधित ठेकेदार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई निश्चित रुप से की जाएगी. लेकिन प्रत्यक्ष में कैंटिंग में स्वच्छता काफी है. रविवार को अनेक कामगार ऐसे भी थे, जिन्हें नाश्ता न करने के बावजूद विषबाधा हुई. कंपनी की तरफ से ही सुबह 9 बजे कामगारों को नाश्ता दिया जाता है. जिन लोगों ने नाश्ता नहीं किया, उन्हें पेयजल के कारण विषबाधा होने का आरोप किया गया है. इस कारण जल नमूने जिला स्वास्थ अधिकारी द्वारा लिए गए है. हालांकि कंपनी में पानी स्वच्छता के लिए चार आरओ मशीन भी लगी हुई है. प्रयोगशाला से नमूनों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई का पता चलेगा.
* कल आएगी जल नमूनों की रिपोर्ट
जिला स्वास्थ विभाग द्वारा संबंधित कंपनी से जल नमूने लेकर तत्काल प्रयोगशाला भेज दिए गए थे. यह रिपोर्ट कल बुधवार 15 जनवरी को प्राप्त होगी. तभी पता चलेगा कि, कामगारों को विषबाधा किस वजह से हुई.
– डॉ. संजय आसोले, जिला स्वास्थ अधिकारी.
* आज भेजे गए खाद्य पदार्थ के नमूने
गोल्डन फाईबर कंपनी की कैंटिंग में रविवार को बनाए गए नाश्ते सहित उडद दाल, तुअर दाल, रिफाइंड सोयाबीन तेल, मिर्ची, धनिया और हलदी के नमूने आज शासकीय प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए है. इन नमूनों की जांच रिपोर्ट प्रयोगशाला से 15 दिन में मिलेगी. लेकिन संबंधित कैंटिंग के ठेकेदार के पास कैंटिंग चलाने का लाईसेंस न रहने से उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानेवाली है.
– बी.के. चव्हाण, अतिरिक्त आयुक्त, अन्न व औषधि प्रशासन, अमरावती.