अमरावतीमहाराष्ट्र

राज्य की 13 हजार मिनी अंगनवाडी की श्रेणी बढाई गई

अंगनवाडी केंंद्र मेें रुपांतर

* अमरावती के 150 केंद्रों का समावेश
अमरावती /दि.18– राज्य के विविध जिलों के 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बालकों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा देने से लेकर उन्हें कुपोषण मुक्त करने वाली 13 हजार मिनी अंगनवाडियों की श्रेणी बढाकर नियमित अंगनवाडी केंद्र में रुपांतर करने का निर्णय राज्य शासन ने लिया है. इस कारण 1 लाख 10 हजार तक अंगनवाडी की संख्या पहुंची है. इसमें अमरावती जिले की 150 मिनी अंगनवाडियों का समावेश है.

महाराष्ट्र राज्य में एकात्मिक बालविकास सेवा योजना के तहत 104 नागरिक व 449 ग्रामीण व आदिवासी ऐसे कुल 553 प्रकल्प कार्यरत है. इसके तहत 97 हजार 475 अंगनवाडी केंद्र तथा 13 हजार 11 मिनी अंगनवाडी केंद्र ऐसे कुल 1 लाख 10 हजार 486 अंगनवाडी केंद्र मंजूर है. केंद्र शासन में 13 हजार 11 मिनी अंगनवाडी केंद्रों का रुपांतर अंगनवाडी केंद्र में करने का प्रस्ताव प्रस्तूत करने की सूचना दी थी. इसके मुताबिक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति ने इस बाबत निर्णय लेकर केंद्र शासन को प्रस्ताव भेजा था. इस पर केंद्र शासन ने राज्य की सभी 13 हजार 11 मिनी अंगनवाडी केंद्रों का अंगनवाडी केंद्र में रुपांतर करने हरी झंडी दी है.

* क्या है मिनी अंगनवाडी?
कम आबादी वाली रही बस्ती और भविष्य में अंगनवाडी चलेगी अथवा नहीं, यह शाश्वती नहीं रहने से मिनी अंगनवाडी शुरु की जाती है. इसके मुताबिक जिले में 150 मिनी अंगनवाडी है. यहां सेविका नियुक्त की गई है. लेकिन सहायिका होगी ऐसा नहीं है. उस सेविका को 5 हजार रुपए वेतन पडता है. मिनी अंगनवाडी में 10 से 15 बालक रहते है. यहां पूर्व शालेय शिक्षा, बच्चों का वजन, उंचाई की जांच की जाती है. इसके अलावा कुपोषित बालकों की गर्भवती माता की भेंट, बच्चे अनुपस्थित रहने पर उनके घर पहुंचाने का काम सेविका करती है.

* मानधन के लिए पात्र
13 हजार 11 मिनी अंगनवाडी केंद्रों का अंगनवाडी केंद्र में रुपांतर किये जाने से मिनी अंगनवाडी सेविका पद का अंगनवाडी सेविका पद में रुपांतर कर नियुक्ति की जाएगी. साथ ही उस पद के मानधन के लिए उन्हें पात्र समजा जाएगा.

* उन अंगनवाडी सेविकाओं का मानधन दोगुना होगा
मिनी अंगनवाडी का अंगनवाडी केंद्र के रुप में रुपांतर किया गया है. इस कारण जिले की 150 मिनी अंगनवाडी केंद्र का इसमें समावेश होने से जिले में 2592 नियमित अंगनवाडी हो गई है. इस कारण अंगनवाडी सेविकाओं का मानधन दोगुना होगा.
– डॉ. कैलास घोडके,
उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी,
जिप, अमरावती.

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