अमरावती

केंद्र ने एक साल से नहीं दिये छात्रवृत्ति के 800 करोड

गैर अनुदानित महाविद्यालयों के देयक भी रोके

  • अनुसूचित जाति की छात्रवृत्ति योजना

अमरावती/दि.16 – अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की भारत सरकार मैट्रीकोत्तर छात्रवृत्ति तत्काल देना अपेक्षित रहते हुए केंद्र सरकार ने आर्थिक वर्ष खत्म हुआ फिर भी अभी तक छात्रवृत्ति की तकरीबन 800 करोड रुपए की निधि नहीं दी. जिससे कायम गैर अनुदानित व विशेषकर व्यावसायिक पाठ्यक्रम के महाविद्यालय की यंत्रणा का वेतन रुका है. जिससे केंद्र सरकार के कामकाज पर रोष व्यक्त किया जा रहा है.
विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, शिक्षण शुल्क, परीक्षा शुल्क मंजूर किया जाता है. जिसमें अधिकांश हिस्सा यह केंद्र सरकार का रहता है. इसके अलावा राज्य को भी अपना हिस्सा देना पडता है. आर्थिक वर्ष की शुरुआत में ही आर्थिक वर्ष की शुरुआत में ही यह रकम सरकार की ओर से प्राप्त होना अपेक्षित है. किंतु प्रत्यक्ष में आर्थिक वर्ष खत्म होने 2 सप्ताह शेष रहते हुए भी इस वर्ष केंद्र सरकार के रुप से यह रकम प्राप्त नहीं हुई. 800 करोड से ज्यादा यह रकम है. राज्य ने अपना हिस्सा दिया है फिर भी वह कम रहने की बात कही जाती है तथा केंद्र सरकार की ओर से अभी तक निधि न मिलने के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है.
छात्रवृत्ति की रकम केंद्र सरकार की ओर से प्राप्त न होने से कायम गैर अनुदानित महाविद्यालय के शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन पिछले कई महिने से रुका पडा है. इन कर्मचारियों को उधारी पर अपना गुजर बसर करना पडता है. इसके अलावा महाविद्यालय का बिजली बिली, पानी बिल, टेलिफोन बिल व अन्य खर्च बिल संकट में है. समय पर ही देयक न भरने से कुछ महाविद्यालयों पर विद्युत आपूर्ति खंडीत होने की नामुस्की आने की संभावना व्यक्त की जा रही है. एक भी पैसा केंद्र की ओर से छात्रवृत्ति का प्राप्त न होने से महाविद्यालयीन खर्च केेैसे चलाना यह प्रश्न संस्थाओं के सामने निर्माण हुआ है.

पांच वर्ष की छात्रवृत्ति व शिक्षण शुल्क स्थिति

वर्ष केंद्र सरकार राज्य सरकार राज्य सरकार
छात्रवृत्ति शिक्षण परीक्षाशुल्क
2016-17 880 करोड 137 करोड 15 करोड
2017-18 505 करोड 379 करोड —
2018-19 572 करोड 461 करोड 306 करोड
2019-20 559 करोड 494 करोड 346 करोड
2020-21 अप्राप्त 380 करोड 97 करोड

59 हजार करोड की घोषणा को बीते दो माह

केंद्र सरकार ने समाजकल्याण विभाग की छात्रवृत्ति समेत योजनाओं के लिए आगामी 5 वर्ष के लिए पूरे 59 हजार करोड की व्यवस्था की, इस तरह की घोषणा दो माह पहले की थी. व्यवस्था की तो छात्रवृत्ति की रकम देने में विलंब क्यो, इस तरह का मुद्दा उपस्थित किया जा रहा है. पहली बार छात्रवृत्ति की रकम देने केंद्र सरकार ने इतना विलंब किया है.

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