नागपुर/दि.17- हम केंद्र सरकार से ओबीसी समाज का इम्पिरिकल डेटा मांग रहे थे. किंतु केंद्र सरकार ने ओबीसी जनगणना ही नहीं किये जाने की बात कही है और इस आशय का प्रतिज्ञापत्र भी सर्वोच्च न्यायालय में पेश किया है. ऐसा दावा राज्य के अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल द्वारा किया गया. साथ ही उन्होंने यह भी जानना चाहा कि, जब केंद्र सरकार ने ओबीसी जनगणना ही नहीं की है, तो आज तक भाजपा नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे और राज्य के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस किस आधार पर ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे थे.
आज नागपुर दौरे पर पहुंचे मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि, राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार से ओबीसी जनगणना का डेटा उपलब्ध कराये जाने की मांग की गई थी. जिस पर पहले केंद्र सरकार द्वारा डेटा सदोष रहने की बात कही गई और जब राज्य सरकार द्वारा कहा गया कि, आप डेटा हमें उपलब्ध कराओ, हम उसे दुरूस्त कर लेंगे, तो केंद्र सरकार द्वारा दूसरा प्रतिज्ञापत्र पेश करते हुए कहा गया कि, यह डेटा ओबीसी समाज से संबंधित नहीं है. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि, केंद्र सरकार हमें यह डेटा उपलब्ध नहीं कराना चाहती ओर शायद केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी जनगणना ही नहीं की गई है, तो सवाल उठता है कि, अब तक भाजपा नेताओं द्वारा केंद्र सरकार से कौनसा डेटा मांगा जा रहा था. साथ ही छगन भुजबल ने भाजपा को ओबीसी आरक्षण विरोधी बताते हुए कहा कि, भाजपा ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ओबीसी आरक्षण का विरोध किया है और भाजपा के नेतृत्ववाली सरकार द्वारा अपने पास ओबीसी समाज का डेटा उपलब्ध रहने के बावजूद उसे महाराष्ट्र सरकार को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा, ताकि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार को ओबीसी विरोधी साबित किया जा सके.