अमरावती

कोरोना काल में जिले में बढ रहा बालविवाह का धोखा

21 विवाह रोकने में सफलता, 11 मामलों में अपराध दर्ज

अमरावती/दि.22 – धुमधडाके के साथ होनेवाले विवाह समारोह पर कोरोना काल में निर्बंध रहते समय दूसरी ओर बालविवाह भी बडी संख्या में होने की सनसनखेज सच्चाई सामने आयी है. मार्च 2020 में अब तक 29 बालविवाह रोकने में बाल संरक्षण समिती को सफलता मिली है. इसमें 11 मामलों में अपराध दर्ज किये गये.
पिछले साल से शाला-महाविद्यालय बंद है. लॉकडाउन के कारण विवाह समारोह पर निर्बंध आये है. चुनिंदा लोगों की उपस्थिति में विवाह हो रहे है. इस कारण अनेक जगह बालविवाह होते है. गांव स्तर पर नाबालिग प्रेम प्रकरण भी बालविवाह का नया कारण बन रहा है. कुछ जगह निरक्षरता व आर्थिक संकटों से पालकों ने लडकियों के विवाह उरकाये है. आर्थिक बोझ कम होगा, इन कारणों से विवाह समारोह निपटाये जा रहे है. पिछले डेढ वर्ष में 29 बालविवाह रोकने में बाल संरक्षण विभाग को सफलता मिली है, जबकि 11 मामलों में अपराध दर्ज किये गये है.

नाबालिग लडकी के गले में मंगलसूत्र

18 वर्ष से कम लडकियों के व 21 वर्ष से कम उम्र के लडकों के विवाह करना कानूनन अपराध है. इसके बाद भी कुछ पालकों ने अपनी बेटी के विवाह निपटाये है. जिससे अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र में नाबालिग लडकियोें के गले में मंगलसूत्र दिखाई देते है.

आर्थिक समस्या भी है कारण

बालविवाह करवाने के पीछे विविध कारण है. किंतु लॉकडाउन में अनेक लोग बेरोजगार हुए है. जिससे लडकियों के विवाह की जिम्मेदारी से मुक्त होने का विचार करते हुए विवाह लगवा देने के प्रकार सामने आये है.

शालाओं में लडकियों की उपस्थिति हुई कम

8 वीं से 12 वीं की शालाएं हाल ही में शुरू हुई है. इन शालाओं में पिछले दो वर्ष की तुलना में पटसंख्या में कमाल की कमी आयी है. विशेष कर इसमें लडकियों की संख्या ज्यादा है. जिससे पटसंख्या कम होने की सच्चाई सभी शालाओं में है. यह पटसंख्या क्यों घटी, यह मात्र संशोधन का विषय है.

लॉकडाउन के दौरान 29 बालविवाह रोकने में हमें सफलता मिली है. बालविवाह नहीं होने चाहिए, इसके लिए हमने सूक्ष्म नियोजन किया है. हर महसूल गांव में हमने हमारे गांव में बालविवाह नहीं होने देंगे, इस तरह का प्रस्ताव ग्राम बाल संरक्षण समिती की ओर से लेने का काम शुरू है. जिससे निश्चित ही जिले में बालविवाह पर अंकुश लगेगा.
– अजय डफले
जिला बाल संरक्षण अधिकारी, अमरावती

बालविवाह प्रतिबंध अधिनियम 2006 के तहत बालविवाह करना कानूनन अपराध है. इस अधिनियम की व्यापक प्रमाण में जनजागृति करने का काम जिला बाल संरक्षण कक्ष की ओर से शुरू है.
– अतुल भडांगे
जिला महिला व बालविकास अधिकारी, अमरावती.

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