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राज्य के मुख्यमंत्री कनिष्ठ महाविद्यालयीन स्तर की समस्या हल करें

राज्यशास्त्र कनिष्ठ महाविद्यालयीन परिषद ने सीएम-डीसीएम व शिक्षा मंत्री से की मांग

अमरावती/दि.27- राज्यशास्त्र कनिष्ठ महाविद्यालयीन परिषद के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी पवनीत कौर को सौंपे ज्ञापन के जरिए राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शालेय शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर व महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक, अभ्यासक्रम संशोधन मंडल पुणे के संचालक से कनिष्ठ महाविद्यालयीन स्तर की विविध समस्या हल करने की मांग की है.
ज्ञापन में कहा गया है कि, कनिष्ठ महाविद्यालय स्तर की कक्षा 11 व 12वीं के राज्यशास्त्र विषय के अभ्यासक्रम से भारतीय संविधान का भाग छोडा गया है. इस कारण संविधान की पहचान विद्यार्थियों को नहीं होती. इसके अलावा कनिष्ठ महाविद्यालयीन स्तर की सभी शाखा के विद्यार्थियों को राज्यशास्त्र ग्रुप ‘ब’ में डालकर राज्यशास्त्र विषय को कला व वाणिज्य शाखा तक ही मर्यादित किया गया है. इस कारण राज्यशास्त्र विषय ग्रुप ‘ब’ से निकालकर ‘अ’ में शामिल करने तथा अंगे्रजी व मराठी विषय के मुताबिक राज्यशास्त्र विषय सभी शाखा के लिए अनिवार्य विषय के रुप में शामिल कर सभी शाखा के विद्यार्थियों के लिए राज्यशास्त्र विषय लेने का अवसर उपलब्ध कर देने, पुरानी पेंशन योजना शुरु कर देने, शासकीय, अशासकीय स्थानों पर तासिका तत्वों पर काम करने वाले शिक्षकोें का मानधन बढाने, कनिष्ठ महाविद्यालय की शिक्षक भर्ती तत्काल शुरु करने सहित विविध मांग की गई है. ज्ञापन सौंपते वालों में प्रा. प्रफुल्ल श्रीखंडे, प्रा. सतीश ठाकरे, प्रा. जयश्री कलसकर, प्रा. मोरेश्वर इंगले, प्रा. सागर बोबडे, प्रा. रामलाल उईक, प्रा. निलेश माहोरे, प्रा. सरला ढोले, प्रा. कुणाल झोटिंग, प्रा. ए.एस. मुले, प्रा. अनिल मुरके, प्राचार्य वी.बी. मोर्शे, प्रा. एम.एच. वालके, प्रा. एन.एस. धनारे, प्रा. वैशाली कडू, प्रा. मो. जमीर, प्रा. एस.आर. जिरापुरे का समावेश था.

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