‘हम करें, सो कायदा’ की तर्ज पर चल रही शहर में मनमर्जी
बीच चौराहे पर दो दुपहिया वाहन खडे पर लकी ड्रा की नुमाइश
* सरोज चौक का मामला, आवाजाही में पैदा हुई जबर्दस्त दिक्कतें
अमरावती/दि.21 – अमरावती शहर में इन दिनों मानों पुलिस तथा नियम व कानून का कोई अस्तित्व व प्रभाव ही नहीं बचा है. यहीं वजह है कि, हर कोई ‘हम करें, सो कायदा’ की तर्ज पर अपनी मनमर्जी करने में लगा हुआ है. कुछ ऐसा ही नजारा गत रोज स्थानीय सरोज चौक पर दिखाई दिया. जहां पर एक दुर्गोत्सव मंडल ने चौराहों के बीचोबीच ‘ग्रीन मैट’ डालकर दो नये चमचमाते दुपहिया वाहनों को नुमाइश के लिए खडा कर दिया था और वहां से कुछ दूरी पर उस दुर्गोत्सव मंडल की ओर से लकी ड्रा का स्टॉल लगाकर माइक पर इस लकी ड्रा के बारे में घोषणाएं की जा रही थी. परंतु लकी ड्रा के आयोजकों का इस बात से कोई लेना देना नहीं था कि, उनके द्वारा चौक के बीचोबीच खडे किये गये दो वाहनों की वजह से उस चौराहे से होने वाली अन्य वाहनों की आवाजाही बुरी तरह से बाधित हो रही है और आम नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड रहा है.
बता दें कि, इस समय शहर में दीपावली पूर्व खरीददारी का दौर चल रहा है. साथ ही कल रविवार रहने के चलते जयस्तंभ चौक से लेकर सरोज चौक, बापट चौक व इतवारा बाजार तक लोगों की अपनी जरुरतों का साजो सामान खरीदने हेतु अच्छी खासी भीडभाड थी. जिसके तहत जयस्तंभ चौक से सरोज चौक व श्याम चौक से बापट चौक होते हुए सरोज चौक तक सभी कपडा शोरुम में अच्छी खासी भीड दिखाई दे रही थी. साथ ही रविवार रहने के चलते जयस्तंभ चौक से लेकर इतवारा बाजार तक सडक के दोनों ओर कपडे लत्ते सहित अन्य जीवनोपयोगी वस्तुओं की दुकानें भी लगी हुई थी. जहां पर अच्छी खासी ग्राहकी का दौर चल रहा था. इसके अलावा रविवार रहने के चलते जहां इतवारा के सब्जी बाजार में हमेशा की तरह अच्छी खासी चहल पहल थी. वहीं दीपावली पर होने वाली रंगाई पुताई के कामों की वजह से इतवारा बाजार परिसर के हार्डवेअर व पेंट विक्री की दुकानों में भी खरीददारी का दौर चल रहा था. जिसकी वजह से इन तमाम परिसरों के बीचोबीच रहने वाले सरोज चौक के ‘तिगड्डा’ नुमा चौराहे से पूरा दिन वाहनों की अच्छी खासी आवाजाही चल रही थी और यहां पर पांव रखने व सडक किनारे वाहन पार्क करने की भी जगह नहीं थी. लेकिन इन तमाम बातों से ‘अपना क्या लेना देना’ वाली भूमिका के तहत ‘हम करें, सो कायदा’ की तर्ज पर एक दुर्गोत्सव मंडल ने अपने लकी ड्रा के लिए चौराहे के बीचोबीच एक नई व चमचमाती बाइक व एक मोपेड ऐसे दो वाहन लाकर खडे कर दिये. जिन्हें पार्क करने हेतु सकड के बीचोबीच ग्रीन मैट डाली गई और फिर उस ग्रीन मैट पर दोनों वाहनों को खडा कर दिया गया. जिनके बारे में पास ही स्थित स्टॉल से माइक पर उद्घोषणा करते हुए ‘20 रुपए में एक लाख की गाडी’ का नारा भी बुलंद किया जा रहा था. ताकि अधिक से अधिक लोगों को लकी ड्रा का टिकट लेने हेतु आकर्षित किया जा सके. लेकिन ऐसा करते समय इस बात की पूरी तरह से अनदेखी की गई कि, सडक के बीचोबीच खडे किये गये दोनों वाहनों की वजह से आम लोगों की कितनी तकलीफ हो रही है.
* सडक किनारे एक कोने में भी किया जा सकता था ‘डिस्प्ले’
बता दें कि, इसी चौराहे पर भारत स्टोअर्स नामक शोरुम के बगल वाली साइड में सडक किनारे कुछ जगह खाली पडी है. जहां पर अक्सर ही हाथ ठेले वाले खडे रहते है. उस जगह पर छोटा सा प्लेटफार्म तैयार करते हुए भी लकी ड्रा के आयोजकों द्वारा दोनों वाहनों का डिस्प्ले किया जा सकता था. इससे आयोजकों का काम भी बन जाता और आम लोगों को भी कोई तकलीफ नहीं होती. लेकिन इतनी छोटी सी बात की ओर आयोजकों का ध्यान ही नहीं गया. जिसके चलते कल पुरा दिन सरोज चौक से होकर गुजरने वाले वाहन चालकों को काफी हद तक परेशानियों का सामना करना पडा.
* कोतवाली व यातायात पुलिस की भी अनदेखी
सबसे खास बात यह है कि, कल पूरा दिन एक लकी ड्रा के आयोजकों द्वारा सरोज चौक जैसे भीडभाड से भरे रहने वाले चौराहे के बीचोबीच दो वाहन खडे करते हुए यातायात को अवरुद्ध करने का काम किया गया. लेकिन इसके बावजूद भी वहां से कुछ ही कदम की दूरी पर रहने वाले कोतवाली पुलिस थाने और शहर में यातायात को सुचारु रखने की जिम्मेदारी रखने वाले यातायात पुलिस विभाग द्वारा एक बार भी इसकी ओर ध्यान नहीं दिया गया. जबकि इसी मार्ग से होकर दिनभर के दौरान कई बार पुलिस के कुछ वाहन भी गुजरे, लेकिन इसके बावजूद इस समस्या की ओर ‘सुविधापूर्ण’ अनदेखी भी की गई. वहीं कुछ जागरुक नागरिकों द्वारा इस बारे में पुलिस को सुचित करने के बाद ‘अभी देखते है, तुरंत पहुंचते है, जल्दी हटाते है’ जैसे जवाब तो मिले. लेकिन इसके बावजूद दिन भर के दौरान कोई कार्रवाई नहीं हुई.