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मेडिकल कॉलेज हेतु विशेषज्ञ टीम पहुंची शहर

पालकमंत्री ठाकुर के साथ सर्किट हाउस में हुई बैठक

* कृति समिती अध्यक्ष पातुरकर ने भी भेंट कर सौंपा निवेदन
अमरावती/दि.5– अमरावती में बनाये जानेवाले सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की जगह फाईनल करने के साथ-साथ अन्य तैयारियों व बातों का जायजा लेने हेतु राज्य सरकार द्वारा गठित समन्वय अधिकारी व विशेषज्ञ समिती की टीम का आज अमरावती आगमन हुआ. डॉ. संजय पराते के नेतृत्ववाली इस टीम ने अमरावती आने के उपरांत सबसे पहले जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर जिलाधीश पवनीत कौर से मुलाकात की. जिसके पश्चात स्थानीय सर्किट हाउस में जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के साथ एक बैठक में हिस्सा लिया. दोनों ही स्थानों पर विशेषज्ञ समिती के सदस्यों ने सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल शुरू करने हेतु स्थानीय हालात का जायजा लेने के साथ-साथ इस संदर्भ में जिला प्रशासन द्वारा उठाये जा रहे कदमों की समीक्षा की. साथ ही भविष्य में किये जानेवाले कामों को लेकर विचार-विमर्श किया.
विशेषज्ञ समिती का जिलाधीश कार्यालय में आगमन होते ही विगत लंबे समय से अमरावती में सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल शुरू करने हेतु प्रयास व संघर्ष कर रही कृति समिती के अध्यक्ष किरण पातुरकर ने एक प्रतिनिधि मंडल के साथ समिती सदस्यों से भेंट की और उन्हेें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने के साथ ही सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु कृति समिती द्वारा किये जा रहे आंदोलन व संघर्ष की जानकारी भी दी. पश्चात विशेषज्ञों की टीम ने कृति समिती सदस्यों को सर्किट हाउस में आयोजीत बैठक में आमंत्रित किया. जहां पर पालकमंत्री यशोमति ठाकुर की उपस्थिति में कृति समिती के सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि, चाहे अमरावती या बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में जगह फाईनल हो, लेकिन अमरावती जिले का सरकारी मेडिकल कॉलेज जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए. इसके तहत इसी सत्र से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश शुरू करने हेतु डीन की नियुक्ति तुरंत की जानी चाहिए. साथ ही अन्य स्टाफ की नियुक्ति एवं निधी का प्रावधान करते हुए मेडिकल कॉलेज की इमारत बनने तक सुपर स्पेशालीटी अस्पताल की खाली पडी इमारत में कॉलेज शुरू किया जाना चाहिए. इस बैठक में कृति समिती द्वारा विशेषज्ञों को यह भी बताया गया कि, अमरावती शहर में इर्विन अस्पताल, डफरीन अस्पताल, टीबी अस्पताल, सीएस बंगला व नर्सिंग प्रशिक्षण कॉलेज की जगह मिलाकर स्वास्थ्य महकमे के पास 25 एकड से अधिक की जगह उपलब्ध है. साथ ही शहर के सरकारी अस्पतालों में 600 बेड की क्षमता है. ऐसे में यहां पर स्थितियां सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए पूरी तरह से अनुकूल है. इस बात को खुद विशेषज्ञों की टीम ने भी सही पाते हुए इसका समर्थन किया और यह भी मान्य किया कि, अमरावती में काफी पहले ही सरकारी मेडिकल कॉलेज बन जाना चाहिए था और इस काम में काफी विलंब हुआ है.
जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर की प्रमुख उपस्थिति में हुई इस बैठक में नागपुर से आये विशेषज्ञों की टीम में अध्यक्ष डॉ. संजय पराते तथा विषय विशेषज्ञ डॉ. विजय शेगोकार, डॉ. तारकेश्वर गोडघाटे, डॉ. वी. आय. खंडाईत तथा डॉ. संजय देशमुख सहित मेडिकल कॉलेज कृति समिती के अध्यक्ष किरण पातुरकर सहित जयंत डेहनकर, मंगेश खोंडे, लता देशमुख व रावसाहब देशमुख आदि उपस्थित थे.

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