अमरावती

भगवान बालाजी के जयघोष से गूंजायमान हुआ शहर

भाविकों संग गाजे-बाजे के साथ जलविहार करने पहुंचे भगवान बालाजी

दो अलग-अलग शोभायात्राओं ने शहरवासियों का मन मोहा
सक्करसाथ व इतवारा बाजार परिसर स्थित मंदिरों से निकली भव्य शोभायात्राएं
अमरावती-/दि.8  इस समय हर ओर पर्वों एवं उत्सवों का अच्छा-खासा उमंग व उल्लासवाला वातावरण है तथा कोविड संक्रमण का खतरा टल जाने की वजह से सभी त्यौहार बडी धूमधाम के साथ मनाये जा रहे है. जिसके तहत गत रोज वामन एकादशी के पर्व पर शहर के सक्करसाथ एवं इतवारा बाजार परिसर स्थित बालाजी मंदिरों द्वारा भगवान बालाजी की भव्य जलविहार शोभायात्रा का आयोजन किया गया. दोनोें मंदिरों से निकली दो भव्य-दिव्य शोभायात्राओं का आयोजन देर रात बीतने के बाद आज तडके तक चलता रहा. जिसके चलते पूरा शहर भगवान बालाजी के जयकारों की गूंज से गूंजायमान होता रहा.
बता दें कि, पौराणिक आख्यायिकाओं के अनुसार मथुरा के कारागार में कृष्ण जन्म होने के बाद जब वासुदेव अपने बेटे कृष्ण को टोकरी में रखकर गोकुल की ओर निकले, तो उस समय रास्ते में पडनेवाली यमुना नदी में पानी का उफान था और युमना नदी की लहरें भगवान के चरण छूने के लिए और भी अधिक उंची उठ रही थी. जिससे वासुदेव को पानी में आगे बढने के लिए काफी तकलीफे हो रही थी. इस बात को समझते हुए बालरूप में रहनेवाले भगवान ने अपना एक पैर टोकरी से बाहर लटका दिया था. जिसका स्पर्श होने के बाद यमुना नदी की लहरें शांत हो गई थी और उस समय भगवान ने यमुना नदी को वचन दिया था कि, वे किसी दिन यमुना नदी में जलविहार करने जरूर आयेंगे. आगे चलकर भगवान ने अपना यह वचन पूरा किया था और अपने संगी-साथियों व गोपियों के साथ मिलकर वे यमुना नदी में जलविहार करने हेतु पहुंचे थे. वह वामन एकादशी का दिन था. इसी वजह से प्रतिवर्ष समूचे भारत देश में वामन एकादशीवाले दिन जलविहार शोभायात्राओें का आयोजन किया जाता है. जिसके तहत भगवान के विग्रह को मंदिर से गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा के जरिये नदी तक ले जाया जाता है और नाव में विराजीत कर उन्हें जलविहार कराया जाता है. इसी परंपरा का अमरावती के सक्करसाथ परिसर स्थित छत्रपुरी जुगलकिशोर बालाजी मंदिर संस्थान तथा इतवारा बाजार परिसर स्थित बालाजी मंदिर संस्थान विगत अनेक दशकों से पालन किया जा रहा है. जिसके तहत भगवान श्रीकृष्ण का ही प्रतिरूप रहनेवाले भगवान बालाजी की भव्य जलविहार शोभायात्रा का आयोजन वामन एकादशीवाले दिन किया जाता है.
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सक्करसाथ परिसर से निकली भव्य-दिव्य शोभायात्रा

– रातभर चलता रहा आयोजन
– जगह-जगह पर हुआ पूजन
स्थानीय सक्करसाथ परिसर स्थित श्री छत्रपुरी जुगलकिशोर बालाजी मंदिर संस्थान द्वारा विगत करीब 80 वर्षों से वामन एकादशी के पर्व पर भगवान बालाजी की जलविहार शोभायात्रा का आयोजन किया जा रहा है. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए इस वर्ष भी गत रोज वामन एकादशी के पर्व पर जलविहार शोभायात्रा का भव्य-दिव्य आयोजन किया गया. जिसके तहत कल शाम 7 बजे भगवान बालाजी के विग्रह की विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना करने के उपरांत भगवान के विग्रह को बेहद आकर्षक व सुसज्जित रथ में विराजीत किया गया और यह शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ आगे बढी. इस शोभायात्रा में भगवान बालाजी के सुसज्जित रथ के साथ ही भगवान परशुराम की झांकीवाला रथ भी शामिल था. साथ ही 28 महिला-पुरूषों का समावेशवाली टाकरखेडा शंभु की भजन दिंडी इन दोनों रथों के साथ चल रही थी. इसके अलावा इस शोभायात्रा में बैण्ड व बैन्जो पथक भी शामिल थे, जो भाविक श्रध्दालुओं का उत्साह बढाते हुए उन्हें थिरकने पर मजबुर कर रहे थे.
सक्करसाथ परिसर स्थित श्री छत्रपुरी जुगलकिशोर बालाजी मंदिर संस्थान से निकली यह शोभायात्रा जवाहर गेट, प्रभात चौक, सरोज चौक, बापट चौक, राजकमल चौक व गांधी चौक होते हुए अंबादेवी मंदिर के पास पहुंची. जहां पर अंबानदी के किनारे भगवान के विग्रह का पूजन करते हुए प्रतिकात्मक जलविहार कराया गया. इसके पश्चात यह शोभायात्रा अंबागेट, मृगेंद्र मठ, सातखिराडी, दहीसाथ, भाजीबाजार, बर्तन बाजार व लखोटिया गली होते हुए आज सुबह करीब 6 बजे सक्करसाथ परिसर स्थित मंदिर में वापिस पहुंची. इस पूरे आयोजन के दौरान रैली मार्ग के आसपास रहनेवाले भाविक श्रध्दालुओं द्वारा अपने दरवाजे तक आये भगवान के विग्रह का पूरे श्रध्दाभाव के साथ पूजन किया गया. साथ ही इस शोभायात्रा का शहर में जगह-जगह पर भावपूर्ण स्वागत भी हुआ.
इस शोभायात्रा में श्री छत्रपुरी जुगलकिशोर बालाजी मंदिर संस्थान के अध्यक्ष जुगलकिशोर पटेरिया, सचिव संजय खरैय्या, शोभायात्रा के संयोजक एड. ब्रजेश तिवारी, राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके, पूर्व उपमहापौर कुसुम साहू, शहर के वरिष्ठ विधिज्ञ एड. प्रशांत देशपांडे, मनोज खंडेलवाल, महेश गुप्ता, बबन डेंगरे, राजू डेंगरे, राजेश हेडा, परमानंद अग्रवाल व नंदकिशोर अग्रवाल के साथ ही शहर के अनेकों गणमान्य नागरिकों ने उपस्थित रहकर इस धार्मिक उत्सव में हिस्सा लिया.
 
इतवारा बाजार से निकली ऐतिहासिक जलविहार यात्रा
एक से बढकर एक झांकियों का रहा यात्रा में समावेश
इसके साथ ही इतवारा बाजार परिसर स्थित श्री बालाजी मंदिर संस्थान की ओर से वामन व्दादशी के उपलक्ष्य में भव्य जलयात्रा का आयोजन किया गया. यह शोभायात्रा बालाजी मंदिर से प्रारंभ होकर इतवारा बाजार, चित्रा चौक, वसंत टाकीज के सामने से होते हुए जयस्तंभ चौक से गांधी चौक पहुंची. जहां अंबानदी की पूजा के बाद यात्रा का समापन हुआ. नदी पूजन के पश्चात भगवान के रथ के साथ सभी भक्तगण पुन: मंदिर पहुंचे और भगवान की स्थापना की गई. स्थापना के बाद महाआरती व महाप्रसाद का वितरण किया गया.
इस शोभायात्रा का शुभारंभ विधायक सुलभा खोडके व्दारा मंदिर में आरती करते हुए किया गया. इस समय पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता भी विशेष तौर पर उपस्थित थे. करीब आधा किमी लंबाईवाली इस शोभायात्रा में सबसे आगे गोविंद गर्जना का पथक, उसके पीछे डीजे की कुछ गाडियां चल रही थी. यात्रा में बच्चों व्दारा विभिन्न झांकियां प्रस्तुत की गई. इसमें अमृत महोत्सवी वर्ष पर आधारित अखंड भारत, जगन्नाथ रथयात्रा, राम-सिता, हनुमान मूर्तियों की झांकी, मलखांब, राम वनवास, यज्ञ में दानव व्दारा विध्वंस जैसी झांकियां आकर्षण का केंद्र रही. घोडे पर सवार बच्चे शिवाजी महाराज और उनके मावले भी बने थे. जगन्नाथ वारकरी संप्रदायी मंडल टवलार व्दारा डंडी नृत्य, उज्जैन के श्री भस्म रमय्या मंडल ने महाकाल आरती, इसी तरह शिवाजी बहुउद्देशीय प्रसारक मंडल के बच्चों ने लेझिम की प्रस्तुति दी. शोभायात्रा के अंत में बालाजी भगवान का रथ चल रहा था. इसके नीचे से गुजरकर भक्तगण आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्साही दिखाई दिये.
इस अवसर पर मंदिर के अध्यक्ष महेश साहू, पूर्व उपमहापौर कुसुम साहू, पूर्व पार्षद राजेश पड्डा, सहित घनश्याम साहू, सुंदरलाल साहू, अजय साहू, सुनील दहले, पंकज गुप्ता, राजेश साहू, अतुल पटेरिया, मनिष गुप्ता, सोनलकुमार गुप्ता, अनिल साहू, निलेश गुप्ता, केशव साहू, मन्टू साहू, संतोष गुप्ता, नरेश साहू, मुन्ना गुप्ता, बिंद्रावन माते, शंकरदास गुप्ता, ज्योती साहू, पिंकी साहू, पंडित धनंजय पांडे, रुपेश साहू, नितेश साहू सम्राट, गुल्लू गुप्ता, अजय बिजोरे, महेश साहू, सुरेशचंद साहू गुरुजी, मोहित साहू, सिध्देश साहू, अमित साहू, वसंत गुप्ता, संतोष बिजोरे, अशोक दसेरिया, स्वरुप साहू, शुभ साहू, आनंद गुप्ता, राजेश असोरिया, चंचल भरतेले, विपिन साहू, आशिष भेंडे, भागीरथ तहरवाल, अनुप साहू, राजेश पुडिलावाले, राज साहू प्लायवूड, राजेश गुप्ता, बंटी गुप्ता, अरुण डब्बावाले, प्रणय साहू, सुनील बब्बा, आनंद साहू, रानु गुप्ता, अंकित साहू, विक्की दहले, गौरव दहले, अविनाश साहू, मिथिल दहले, प्रतिक साहू, नितीन गोयनका, विजय कनोजे, अक्षय सरबेरे, कमल ठाकुर, राखी साहू, सरिता साहू, हिमा साहू आदि सहित अनेकों भाविक श्रध्दालु उपस्थित थे.

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