* आरपीएम में 45 अंकों की हुई वृद्धि
* लक्ष्मी पूजन वाली रात 12.30 बजे तक चलती रही आतीशबाजी
अमरावती /दि.14- बीते रविवार 12 नवंबर को लक्ष्मीपूजन यानि दीपावली पर आधी रात तक शहर में जबर्दस्त आतिशबाजी का दौर चलता रहा. शहरवासियों द्वारा चलाए गए पटाखों से निकले धुएं की वजह से जहां एक ओर शहर के वातावरण में बडे पैमाने पर कार्बन घटकों का उत्सर्जन हुआ. वहीं पटाखों के शोर की वजह से वायू प्रदूषण का स्तर भी अच्छा खासा बढ गया. ऐसे में कहा जा सकता है कि, अमरावती शहरवासियों ने अपने द्वारा की गई आतिशबाजी के चलते खुद अपने ही हाथों अपने शहर की आबोहवा को खराब करने का काम किया है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, दीपावली को खुशियों और उमंग का त्यौहार माना जाता है और दिवाली पर आतिशबाजी बेहद आम बात है, परंतु अत्याधिक पटाखें जलाएं जाने से इसका कितना प्रदूषण फैलता है और इसके क्या दुष्परिणाम होते है, इस बात को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई दिशा-निर्देश जारी कर रखे है. साथ ही सरकार एवं प्रशासन द्वारा भी इस संदर्भ में व्यापक जनजागृति की जाती है. लेकिन इसके बावजूद भी दीपावली के पर्व पर आम नागरिक आतिशबाजी करने से खुद को रोक नहीं पाते. इसी के तहत विगत रविवार 12 नवंबर को दीपावली पर शाम से 6 बजे से रात 12 बजे तक जमकर आतिशबाजी हुई और इस बार दीपावली पर महज 24 घंटों में लगभग 50 करोड़ से ज्यादा के पटाखें जलाएं जाने की जानकारी हैं. इस वर्ष दीपावली पर की गई आतिशबाजी की वजह से शहर में वायु गुणवत्ता यानि एक्यूआई का स्तर एकदम तो नहीं गिरा, लेकिन एक्यूआई 143-151 पर जाकर पहुंच गया.
बता दें कि, इस बार दीपावली पर अमरावती महानगरपालिका और पुलिस विभाग ने रात 8 से 10 बजे तक ही आतिशबाजी करने का आवाहन किया था. परंतु शहर में रात 10 बजे के बाद भी कई स्थानों से पटाखों की धुमधडाक सुनाई दी और कुछ इलाकों में तो रात 12.30 बजे तक आतिशबाजी चलती रही. इस जबरदस्त आतिशबाजी के कारण वायु गुणवत्ता पर असर पड़ा. ऐसे में दिवाली के पहले संतोषजनक श्रेणी में रहने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉडरेट यानि मध्यम स्वरूप पर पहुंच गया. अमरावती का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिवाली के दिन 143 और 151 पर दर्ज किया गया.
बता दें कि, शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) दर्ज करने के लिये अमरावती शहर के शिवाजी सायन्स कॉलेज और अमरावती राजस्व तहसील कार्यालय में मापक यंत्र है. शिवाजी सायन्स कॉलेज के मापक यंत्र पर दिवाली के दिन 151 एक्यूआई दर्ज किया गया. जबकि अमरावती तहसील कार्यालय के मापक यंत्र पर 143 एक्यूआई दर्ज हुआ है. अमरावती शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर काफी अच्छा है, लेकिन दिवाली में जबरदस्त आतिशबाजी के कारण वायु गुणवत्ता पर असर पडा. यह 143 से 151 तक मध्यम स्वरूप पर पहुंच गया. दिवाली के पूर्व बेमौसम बारिश के कारण वायु में धुलकनों का प्रमाण कम होने से हवा का स्तर भी कुछ पैमाने पर सुधरा था, लेकिन दिवाली पर जबरदस्त आतिशबाजी के कारण वायु गुणवत्ता का स्तर फिर एक बार मध्यम स्वरूप पर पहुंच गया.
आतिशबाजी की वजह से वायू प्रदूषण होने के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण का स्तर भी काफी हद तक बढ गया. जानकारों का मानना है कि दिवाली के दौरान पटाखों का व्यापक उपयोग वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि करता है. जिससे क्रोनिट ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी श्वसन संबंधी समस्या बढ़ जाती है.