अमरावती

ठंड ने किया जबर्दस्त ‘कम बैक’

पारा अचानक नीचे गिरा

  • कडाके की ठंड पडना हुई शुरू

  • दो-तीन दिन में हो सकती है हलकी बारिश

  • मौसम ने अकस्मात मारी करवट

अमरावती प्रतिनिधि/दि.1 – विगत कुछ दिनों से ठंडी का असर लगभग खत्म होता नजर आ रहा था. किंतु जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में ठंडी ने एक बार फिर शानदार वापसी की है और पारा अचानक ही तेजी से नीचे गिरा है. जिसकी वजह से इन दिनों कडाके की ठंड महसूस हो रही है तथा एक बार फिर गर्म कपडे बाहर निकलने शुरू हो गये है. क्योंकि इन दिनो जहां अधिकतम तापमान की स्थिति यथावत स्थिर है. वहीं दूसरी ओर न्यूनतम तापमान का स्तर लगातार गिर रहा है. जिससे रात के समय चुभनेवाली ठंड महसूस हो रही है.
उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष नवंबर माह के शुरूआती दौर में ठंडी का कुछ हद तक असर महसूस हुआ. लेकिन हर वर्ष की तरह इस बार गुलाबी ठंड महसूस नहीं हुई. अमूमन दिसंबर माह को ठंडी का महिना माना जाता है. किंतु इस बार दिसंबर माह के दौरान भी बिल्कुल भी ठंड महसूस नहीं हुई. ऐसे में कहा जा सकता है कि, इस बार ठंडी ने काफी हद तक निराश ही किया है. वहीं जनवरी का महिना आते-आते ठंड लगभग लापता हो गयी और मौसम काफी हद तक बदलने के साथ ही पारा उंचा उठना शुरू हो गया. जिसकी वजह से जनवरी माह का मध्य आते-आते गरमी के मौसम की आहट सुनायी देने लगी, लेकिन मौसम ने जनवरी माह के अंत में एक बार फिर जबर्दस्त ढंग से यू टर्न लिया और जनवरी माह के अंतिम दो दिनों में पारा अचानक नीचे गिरना शुरू हुआ, और कडाके की ठंड महसूस होना भी शुरू हुई.
इस संदर्भ में स्थानीय मौसम विशेषज्ञ प्रा. अनिल बंड द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस समय मराठवाडा में 900 मीटर उंचाई पर तथा राजस्थान में डेढ से दो किमी की उंचाई पर चक्राकार हवाएं चल रही है. साथ ही अरब सागर और श्रीलंका के पास द्रोणीय स्थिति बनी हुई है. जिसकी वजह से मध्य भारत में पूर्व की ओर से ईस्टर्ली व पश्चिम की ओर से वेस्टर्ली हवाएं चल रही है. इन विपरित हवाओं का मध्य भारत के पास संगम होने की वजह से आगामी दिनों में हल्की व मध्यम स्तर की बारिश होने और कडाके की ठंड पडने के पुरे आसार है. साथ ही उन्होंने बताया कि, आगामी 3 से 6 फरवरी के दौरान विदर्भ में कुछ स्थानों पर हलके व मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है. साथ ही आगामी दो दिनो के दौरान तापमान में 3 से 4 डिग्री की कमी भी आ सकती है. जिससे कडाके की ठंड महसूस होने का अनुमान है.

  • सर्दी-खांसी व मौसम बुखार का प्रमाण बढा

इन दिनो सुबह और शाम के समय जबर्दस्त ठंड पड रही है. साथ ही बेहद ठंडी हवाएं चल रही है. वहीं रात के समय न्यूनतम तापमान का स्तर भी काफी नीचे जा चुका है और दिन के समय अच्छीखासी धूप पड रही है. ऐसे में ठंडी व उमस के मिले-जुले वातावरण के बीच सर्दी-खांसी व मौसमी बुखार जैसी बीमारियों ने पांव फैलाना शुरू कर दिया है.

  • ग्रीष्मकालीन मूंगफल्ली का नुकसान

अमरावती जिले में सिंचित खेती करनेवाले कई किसान रबी मौसम के दौरान मूंगफल्ली की फसल लेते है. जिसकी बुआई जनवरी माह में की जाती है और मई माह तक फसल पककर तैयार होती है. इस फसल के लिए गर्मी व उमसवाला मौसम जरूरी होता है और ठंड अधिक पडने पर इस फसल की अपेक्षित उपज नहीं होती. ऐसे में जारी मौसम को इस ग्रीष्मकालीन मूंगफल्ली के लिए कुछ हद तक घातक कहा जा सकता है. और यदि इस बीच बारिश होती है, तो इस इससे मूंगफल्ली की फसल को काफी नुकसान पहुंच सकता है.

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