अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९ – संविधान प्रस्ताविक का सामुहिक रुप से पठन मुख्य शासकीय समारोह के अलावा सभी सरकारी, निजी सरकारी कार्यालयों, स्कूल, महाविद्यालयों के कार्यक्रमों में किया जाए, इस आशय की मांग को लेकर भारतीय बौध्द महासभा की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को निवेदन भेजा गया.
निवेदन में बताया गया है कि, जिस तरह से 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर राज्य के सभी स्तर के जैसे मंत्रालय, विभागीय आयुक्तालय, जिलाधिकारी कार्यालय, उपविभागीय अधिकारी, तहसील व राज्य के सभी स्थलों पर ध्वजारोहण का मुख्य समारोह होता है, उसी तरह मुख्य शासकीय समारोह के साथ ही अन्य शासकीय, निम शासकीय कार्यालय, स्कूल, महाविद्यालयों में भी भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामुहिक रुप से पठन करने के स्पष्ट निर्देश दिये जाए, प्रास्ताविक पठन को ध्वजारोहण समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाए, जहां पर ध्वजारोहण समारोह के दरमियान संविधान प्रास्ताविक का पठन भी होगा वहां पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित कर विभागीय जांच की गई. निवेदन सौंपते समय विजय चोरपगार, विलास मोहाडे, गणपतराव तिडके, नरहर वालोंद्रे, माया धांडे, प्रा.प्रकाश बोरकर, रविंद्र गेडाम, रंजना इंगले, विश्रांती तायडे, जया ढोके, तारा लिंघाटे, सुनीता रामटेके, परमानंद वासनिक, शंकरराव मेश्राम, नितीन इंगोले, मदन खंडारे, डॉ.नितीन कोली, राजेंद्र लोणारे, पंकज हुमने, प्रेमचंद अम्बादे, विश्वास वानखडे, वंदना चव्हाण, कोकीला वानखडे, नंदकुमार खंडारे, प्रेमकुमार मंडपे, राजेश सवाई, मदनराव गायकवाड, विकास बागडे, बेबी भालचक्रे, रमा शेलके, जया ढोके, देवराव वानखडे, नरेंद्र मोहाडे पंजाब पांडे, सी.सी.धंदर, अजय ढोके, उध्दव भालचके्र, कल्पना जनबंधु, प्रणिता खडसे, सुनीता डांगे, अर्चना भुरभुरे, अनुपमा दामले, अहिल्या शेंडे, शोभना अघम, त्र्यंबक ढोके, मंदा मन्वरे, सुनंदा नागदिवे, तायडे, शोभा खडसे, सुरेश दहाटे, हरिदास घोडेस्वार विठ्ठल मेश्राम, गजानन मोहोड, मिलिंद कांबले, शैलेश इंगले आदि उपस्थित थे.