अमरावती

कंपनी ने ५ वर्ष में ४२.७३ लाख का बीमा देने से किया इनकार

 नुकसान भरपाई का सूत्र कडा

  • आधे से अधिक किसान योजना में शामिल

अमरावती/प्रतिनिधि दि.५ – नुकसान के समय फलों की सुरक्षा देने के लिए बीमा कंपनी ने अनदेखा किया है. फलोें की नुकसान भरपाई की शर्त कडी होने से पश्चिम विदर्भ में ५ वर्ष में लगभग ४२ लाख ७३ हजार ६१४ किसानों को फसल बीमा भरपाई नहीं मिली. जिसके कारण शासन के हजारो करोड के हिस्से पर बीमा कंपनी ने अनदेखा किए जाने का आरोप है. फसल से सीजन में मौसम विभाग की प्रतिकुल स्थिति के कारण फसल का नुकसान होने पर फसल बुआई से लेकर निकालने तक फसलों के उत्पादन में घट होने पर तथा निकालने के पश्चात फसल का नुकसान होने पर व्यक्तिगत स्तर पर पंचनामा कर भरपाई निश्चित की जाती है. भरपाई कंपनी स्तर पर निश्चित होने का बताकर कृषि विभाग ने यह काम के लिए पल्ला झाड़ दिया है..
पश्चिम विभाग मेें विगत कुछ वर्षो में तीनों ही घटको के कारण फलों का नुकसान हुआ है. राजस्व विभाग द्वारा पैसेवारी ५० पैसे के अंदर घोषित की है. प्रतिकुल स्थिति में केवल ५३.४३ प्रतिशत किसानों को ही फसल बीमा का मुआवजा मिला है. जिसके कारण मुआवजे के लिए शासन बीड पैटर्न चलाने की मांग की जा रही है.

देहलीज आय का निकष यह गांव स्तर पर हो. जिसके कारण व्यापकता आयेगी व किसानों को अधिक लाभ मिलेगा. इसके लिए निर्णय राज्य शासन को लेना चाहिए, ऐसी मांग है.
विजय जावंधिया, किसान नेता

  • नुकसान भरपाई का सूत्र

फसल की कटाई प्रयोग निकष पर नही होती. इसका फटका किसानों को बैठता है. इसके अलावा प्रत्येक गांव में फसल की उत्पादकता एक जैसी नहीं रहती.

Related Articles

Back to top button