* ज्यादा बिजली खरीदी थी महावितरण ने
अमरावती/दि.2 – गर्मी के दिनों में बिजली की बढती डिमांड पूरी करने महावितरण ने पिछले तीन माह में 6 रुपए प्रति यूनिट की औसत रेट पर करीब 800 करोड रुपए की अतिरिक्त उर्जा खरीदी थी. अब इसकी वसूली आम उपभोक्ता से इंधन समायोजन शुल्क के रुप में करने की कंपनी की तैयारी है. बिजली कंपनी का नियोजन शून्यता का खामियाजा आम लोगों को उठाना पडेगा. उल्लेखनीय है कि, पहले ही अतिरिक्त सुरक्षा शुल्क की वसूली की जा रही है. हालांकि अधिकांश उपभोक्ताओं ने सुरक्षा शुल्क के नाम पर मांगी गई राशि बिजली कंपनी को जमा नहीं कराई है.
महावितरण के प्रबंध संचालक विजय सिंघल ने जानकारी दी है कि, मार्च, अप्रैल और मई माह में अबाधित बिजली आपूर्ति के लिए कंपनी ने 10 लाख यूनिट बिजली खरीदी. जिससे कहीं भी लोडशेडिंग नहीं हुई. कंपनी ने भले ही बिजली खरीदी का बिल नहीं बताया है. किंतु कंपनी के उच्च अधिकारियों ने अनुमान जताया कि, अतिरिक्त विद्युत खरीदी पर 800 करोड रुपए खर्च हुए हैं. अब महावितरण यह खर्च की वसूली जनता से करेगा. इसके लिए ईधन समायोजन शुल्क बढाया जा रहा है. महावितरण के पास बिजली की अतिरिक्त खर्च की वसूली का अधिकार है.
* कहां से कितनी खरीदी
महावितरण के अनुसार मार्च में अधिकतम मांग 24983 मेगावॉट रही. अप्रैल में 24326 और मई में 24047 मेगावॉट की मांग दर्ज हुई. इसे पूरा करने के लिए मार्च में 300 और अप्रैल तथा मई में 400-400 मेगावॉट बिजली लघुकालीन कारर से खरीदी गई. इस माध्यम से तीन महीनों में 656 एमयू यूनिट अतिरिक्त लेनी पडी. पंजाव व अन्य राज्यों से पॉवर बैंकिंग करार पर मार्च में 500 मेगावॉट, अप्रैल में 450 और मई में 250 मेगावॉट बिजली ली गई.
* 2 रुपए 35 पैसे प्रति यूनिट
महावितरण ने ईधन समायोजन शुल्क का भार ग्राहकों पर डाल दिया है. मार्च में 100 यूनिट तक 65 पैसे प्रतियूनिट 101 से 300 यूनिट इस्तेमाल पर 1 रुपए 45 पैसे और 301 से 500 यूनिट के लिए 2 रुपए 5 पैसे तथा 500 से अधिक यूनिट के उपयोग पर प्रति यूनिट 2 रुपए 35 वसूली हुई. माना जाता है कि अब पुन: इसी रेट से वसूली होगी.