अमरावतीमहाराष्ट्र

एक रुपए के फसल बीमा में कंपनी की ही मनमानी शुुरु

खरीफ, रबी और फलों की फसलों का मुआवजा नहीं

अमरावती/दि. 4– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना फिलहाल कृषि विभाग के लिए सिरदर्द साबित हो रही है. सभी प्रक्रिया कंपनी स्तर पर होती रहने से यह बीमा कंपनी किसी की नहीं सुनती. वर्तमान स्थिति में पिछले सत्र के खरीफ, रबी और फलों की फसलों का मुआवजा कंपनी व्दारा किसानों को नहीं दिया गया है. इस कारण इन कंपनियों पर नियंत्रण किसका, ऐसा किसानों का प्रश्न है.

खरीफ सत्र से किसानों का हिस्सा शासन व्दारा अदा किए जाने से योजना में किसानों का रिकॉर्ड सहभाग हुआ है. इस योजना के लिए जनजागरण के अलावा कृषि अधिकारियों को दूसरा कोई काम नहीं है. जिलाधिकारी का पत्र, अधिसूचना और आदेश को भी फसल बीमा कंपनी नहीं मानती. इस पर अपील कर टालमटोल किया जाता है और किसानो के रोष का कृषि विभाग को सामना करना पडता है. खरीफ व रबी सत्र के लिए 3 साल के लिए एक ही बीमा कंपनी है. लेकिन फल के बगीचों के बीमा के लिए कंपनी दूसरी रहती है. विशेष यानी कंपनी के जिलास्तर के अधिकारी को कोई भी निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. सभी निर्णय कंपनी स्तर पर होते रहने से किसानों के रोश का सामना उन्हें भी करना पडता है.

* गत वर्ष का मुआवजा कब मिलेगा?
– गत वर्ष के खरीफ के 79002 किसानों को 123 करोड का मुआवजा मंजूर किया गया है, लेकिन प्रत्यक्ष में वह मिला नहीं है.
– आंबिया बहार के लिए 1500 किसानों को 6 करोड का फसल बीमा अब तक नहीं मिला है.
– इस बार सोयाबीन के लिए 41 राजस्व मंडल में जिलाधिकारी ने अधिसूचना निकाली और अग्रिम देने के आदेश दिए. लेकिन कंपनी अपील में गई है.

* कंपनी सहयोग नहीं करती
कंपनी के पास लगातार प्रयास किए जाने के बावजूद सहयोग नहीं किया जाता. यह बात वरिष्ठ अधिकारियों के प्रकाश में ला दी गई है.
-उज्वल आगरकर,
उपसंचालक कृषि विभाग

Related Articles

Back to top button