अमरावती

शिकायतकर्ता संस्था पर करेंगे मानहानी का दावा

ऊंटों के मालिक कुरशनभाई रबारी ने ली पत्रकार परिषद

  • बोले गौरक्षण संस्था से भी मांगेंगे खर्च का हिसाब

अमरावती/दि.14 – 7 जनवरी को अमरावती में लाये गए गुजरात सीमा से 58 उंटों को आखिर कानूनी कार्रवाई के पश्चात मूल मालिकों को सौंपने के आदेश अदालत ने दिये. इन मालिकों ने करीब 33 दिनों के बाद अपने उंट फिर से हासिल किये है, लेकिन इस घटना के लिए दोषी शिकायतकर्ता संस्था के खिलाफ मानहानी का दावा करने की जानकारी उंटों के मालिक कुरशनभाई रबारी ने पत्रकार परिशद में दी.
आयोजित प्रेसवार्ता में रबारी ने बताया कि, विगत 33 दिनों से यह ऊंट अमरावती के गौरक्षण में रखे गये थे. जिस संस्था ने इन ऊंटों को कटाई के लिए भेजा जा रहा है, ऐसा दावा किया था, उनका यह दावा झूठा साबित हुआ है. ऊंटों के सभी मालिकों ने तथा उन्हें खरीदने वाले 58 नये मालिकों ने इस बात को साबित किया कि, यह ऊंट कटाई के लिए नहीं, बल्कि यातायात की दृष्टि से गुजरात से बिलासपुर तक लाये जा रहे थे. जिसे अदालत ने भी स्वीकार किया. जिसके कारण अदालत ने 58 उंटों को उनके मूल मालिकों को सौंपने के आदेश दिये. शनिवार को उन सभी उंटों का प्रशासकीय अधिकारियों व्दारा टैंगिंग का काम किया गया. इसके बाद यह उंट वर्धा, नागपुर से बिलासपुर के लिए रवाना किये गए. कुशनभाई रबारी ने बताया कि, उन उंटों पर गौरक्षण में 33 दिनों तक जो खर्चा किया, उसका प्रति उंट 200 रुपयों के अनुसार खर्च मालिकों से वसूला गया. इस बारे में उन्होंने कहा कि, ऊंटों के मामले में गौरक्षण संस्था को शासन की ओर कुछ न कुछ अनुदान प्राप्त हुआ होगा. बावजूद इसके ऊंट मालिकों से लाखों की तादाद में पैसे वसूलना कहां तक उचित है. इस संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी और गौरक्षण संस्था द्वारा किये गये खर्च का ब्यौरा कानूनी रूप से मांगा जाएगा. इसके अलावा हैदराबाद की जिस संस्था ने यह 58 ऊंट कटाई के लिए जा रहे थे, ऐसा दावा किया था, उस संस्था के खिलाफ मानहानि का दावा किया जाएगा. प्रेसवार्ता के जरिये उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उस संस्था ने प्रभुभाई, साजनभाई से 5 लाख रुपए की मांग की थी, जो देने से इन्कार करने पर ऊंटों की कटाई का विवाद निर्माण कर 35 दिनों तक ऊंट मालिकों के साथ जो लोग इन ऊंटों को खरीदने वाले थे, उनको मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ना की है. प्रेसवार्ता में भोजाभाई रबारी, अर्जनभाई रबारी, साजनभाई रबारी आदि उपस्थित थे.

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