कभी राम बनके, कभी श्याम बनके चले आना.. जैसे गीतों की प्रस्तुति से परिसर गूंज उठा
माता खिडकी मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया

सभी भक्तों को कृष्ण जन्म की शुभकामनाएं दी
अमरावती-/ दि. 19 भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के आधी रात और रोहिणी नक्षत्र में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. यही वजह है कि इस तिथि पर भगवान कृष्ण का जन्म धूमधाम से मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में कोई भी त्यौहार इस ब्रत तिथि के आधार पर मनाया जाता है. ऐसे में उदया तिथि में अंतर आने की वजह से व्रत त्यौहार में दिनों का फर्क हो जाता है. यही कारण है कि इस वर्ष गुरूवार को अष्टमी तिथि रहने से 9.21 बजे से मंदिरो में भगवान कृष्ण के जन्म की पूजा -अर्चना आरंभ हुई. यह पूजा अर्चना शुक्रवार, 19 अगस्त को रात 10.50 बजे तक रहेगी. गुरूवार की रात के समय करीब 12 बजकर 2 मिनिट से 12 बजकर 48 मिनिट तक निशिथ काल में भगवान का जन्मोत्सव मनाते हुए सभी भक्तों को कृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई.
माता खिडकी में फूलों से सजे पालने में झुलाया.
स्थानीय माता खिडकी परिसर में स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में गुरूवार को सुबह 7 बजे से मंदिर के ट्रस्टी तथा भाविक भक्तों द्बारा भगवान कृष्ण का नामस्मरण किया गया. सुबह 10. 30 बजे महाभिषेक कर उटी पूजन किया गया. े इस अवसर पर मंदिर के ट्रस्टी सुभाष पावडे, एड. अरूण ठाकरे, डॉ. देशमुख, अशोक राउत के साथ अन्य की उपस्थिति रही. दोपहर 12 बजे महाआरती कर भगवान को भोग का प्रसाद चढाया गया. दोपहर 2 बजे से सुरमयी भजन संध्या के अतुल बातकुलकर व उनके संच द्बारा भजन प्रस्तुत किए गये. कन्हैया तेरे बिना भी क्या जीना…कौन कहता है भगवान आते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं… अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम राम नारायणम जानकी वल्लभम… मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने… मेरे नैना लड गये कुंज बिहारी से …छाप तिलक सब छिनी रे मोसे नैना मिलायी के…,कभी राम बनके, कभी श्याम बनके चले आना…जैसे भजन प्रस्तुत कर परिसर को भक्ति के रंग में रंग लिया था. शाम 7 बजे भगवान कृष्ण का विधिवत पूजन किया गया. रात 12 बजे पालने को गेंदे के फूल, गुलाब , शेवंती के फूलों के साथ गुब्बारे, लाइटिंग से सजाकर भगवान की प्रतिमा विराजित कर उन्हें देर रात 12 बजे झूला झुलाते हुए कृष्ण जन्म की बधाईयां दी गई. भगवान की महाआरती के समय पूर्व महापौर विलास इंगोले, राजू भेले, सुरेश रवाता, गजानन राजगुरे, ट्रस्टी सुभाष पावडे, एड. अरूण ठाकरे, डॉ. देशमुख, अशोक राउत, विनोद कराडे, नितीन देशमुख, राहुल सावरकर, विजय देशमुख, कृष्णा गुप्ता, गौरव देशमुख, प्रथमेश वाइनदेशकर, शुभम माहुरकर, रजन वाइनदेशकर, विनायक सावरकर, अभिजीत कालबांडे समेत संत महंत, महानुभाव ट्रस्टी बडी संख्या में उपस्थित थे. कृष्ण जन्म के साथ मंदिर परिसर में जमकर आतिशबाजी कर उपस्थित भक्तों को बधाई प्रसाद का वितरण किया गया. सुबह से श्रीकृष्ण मंदिर भक्तों के लिए दर्शनार्थ खुला रखा गया थ. इस संपूर्ण कार्यक्रम में महंत सारंगधर बाबा पुसदेकर की विशेष उपस्थिति रही.