संविधान विरोधी है हिंदू राष्ट्र निर्मिति की संकल्पना
प्रा. श्याम मानव ने किया पत्रवार्ता में दावा
यवतमाल /दि.30– हिंदू राष्ट्र की संकल्पना का खुले आम प्रचार करते हुए मनुस्मृति का सीधे तौर पर समर्थन किया जा रहा है. ऐसे में हिंदू राष्ट्र की संकल्पना को संविधान के दायरे से बाहर बताया जाता है और मौजूदा राजनीतिक स्थिति की वजह से लोकतंत्र के चारों प्रमुख मूल्य खतरे में कहे जा सकते है. इस आशय का प्रतिपादन अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव द्वारा किया गया.
एक व्याख्यान हेतु यवतमाल पहुंचे श्याम मानव ने यहां पर पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही कहा कि, इस समय समता, बंधुता, न्याय व अभिव्यक्ति इन चारों लोकतांत्रिक मूल्यों को लगातार पैरों तले रौंदा जा रहा है. साथ ही विगत 10 वर्षों ेसे प्रशासन की केवल एक राजनीतिक दल के लिए काम करता दिखाई दे रहा है. जिसकी वजह से देश के एक फिसद वर्ग के पास 50 फीसद संपत्ति जमा हो गई है और शेष 50 फीसद वर्ग के पास केवल 3 फीसद संपत्ति है. जिसकी वजह से असमानता की दर लगातार बढती जा रही है. जिससे ध्यान हटाने हेतु मौजूदा सत्ता पक्ष द्वारा दो धर्मों के बीच जानबुझकर तनाव पैदा करने का काम किया जा रहा है. साथ ही सरकारी नौकरियों को खत्म करते हुए आरक्षण के जरिए मिलने वाला समान अवसर भी छिना जा रहा है. जिसके चलते देश में आपातकाल से भी ज्यादा भयावह स्थिति बन गई है. आपातकाल के समय कम से कम पूरी ताकत से सरकार के खिलाफ आवाज उठाई जा सकती थी. लेकिन अब वह सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. इसके साथ ही संभाजी भीडे और धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोगों को एक तरह से सरकार एवं प्रशासन द्वारा सुरक्षा दी जा रही है. जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि, देश किस दिशा में जा रहा है.