अमरावती/दि.19 – जिले में कोरोना की पहली लहर में जिस परिसर में मरीज पाया गया उस परिसर को सील किया जाता था. अधिक मरीज पाये जाने पर उस भाग को कंटेनमेंट झोन घोषित किया जाता था. उस परिसर को बांस, टीन बांधकर सील कर पुलिस बंदोबदस्त लगाया जाता था. लेकिन अब जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बड़े पैमाने में होने पर भी हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट झोन घोषित किये जाने की बात दिखाई नहीं देती.
जिले में गत वर्ष 4 अप्रैल को कोरोना बाधित मरीज पाया गया था. उस समय हाथीपुरा परिसर सहित करीबन 1 से 2 किलोमीटर तक का परिसर कंटेनमेंट झोन घोषित कर सील किया गया था. उस परिसर के नागरिकों को अत्यावश्यक सेवा के अतिरिक्त घर से बाहर निकलने की अनुमति प्रशासन व्दारा नहीं दी गई थी. अब शहर में 1167 तो ग्रामीण भाग में 2510 कोरोना बाधित मरीज गृह विलगीकरण में उपचार ले रहे हैं. वहीं जिलेभर में कोविड अस्पताल में 1713 मरीज उपचार ले रहे हैं. जिले में विदारक स्थिति है.
शहर के सभी भागों में कम ज्यादा प्रमाण में कोरोना बाधित मरीज है. ऐसा रहते हुए भी अमरावती शहर सहित जिलेभर के किसी भी परिसर को सील नहीं किया गया या गत वर्ष के समान पुलिस बंदोबस्त नहीं लगाया गया. एक ओर महाराष्ट्र सरकार ने चेन द बे्रेक के नाम पर जिले में कड़े निर्बंध लगाये हैं. मात्र जिस परिसर में कोरोना पॉजिटीव मरीज पाये जा रहे हैं, उस परिसर को बांस, टीन लगाकर बंद नहीं किये जाने से उस परिसर के नागरिक बेफिक्र होकर घुम रहे हैं. गृह विलगीकरण में रहने वाले नागरिक व उनके रिश्तेदार शहर में घुमने का चित्र दिखाई दे रहा है.