डॉक्टरों को के्रडिट प्वॉईंट्स देने वाली ठेका पद्धति पर फिलहाल स्थगिति
एमसीआईएम’ का निर्णय, प्रति प्वॉईंट 1100 रुपए था शुल्क
* निमा सहित डॉक्टरों के विविध संगठनों ने उठाई थी आपत्ति
अमरावती/दि.27 – युनानी व आयुर्वेदिक डॉक्टरों को पंजीयन के नुतनीकरण हेतु प्रत्येक 5 वर्ष में 50 के्रडिट प्वॉईंट्स लेने की शर्त जरुरी है. यह प्वॉईंट ‘ऑनलाइन सीएमई’ के जरिए देने का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया था और एक प्वॉईंट के लिए 1100 रुपए का शुल्क लिया जाना था. जिसका डॉक्टरों के विविध संगठनों सहित ‘नैशनल इंटीग्रेडेट मेडिकल एसोसिएशन’ (नीमा) ने विरोध किया था. जिसके चलते महाराष्ट्र कौन्सिल ऑफ इंडियन मेडिसीन (एमसीआईएम) ने फिलहाल इस निर्णय पर स्थगिति दी है.
बता दें कि, राज्य में युनानी व आयुर्वेदिक प्रैक्टीस करने वाले डेढ लाख से अधिक डॉक्टर है. जिन्हें प्रत्येक 5 वर्ष में अपने पंजीयन का नुतनीकरण करना होता है. नुतनीकरण करने के लिए 50 के्रडिट प्वॉईंट आवश्यक होते है और यह प्वॉईंट ‘सातत्यपूर्ण वैद्यकीय शिक्षा’ यानि सीएमई में शामिल होने के बाद मिलते है. सीएमई के जरिए विशेषज्ञों द्वारा वैद्यकीय क्षेत्र के नये ज्ञान, नये तंत्रज्ञान, नई बीमारियों और नई उपचार पद्धति की जानकारी दी जाती है.यह कार्यक्रम वैद्यकीय क्षेत्र की विविध संगठनाओं द्वारा अपने-अपने स्तर पर आयोजित किया जाता है. इसी दौरान कुछ समय पूर्व एमसीआईएम ने ऑनलाइन सीएमई के जरिए के्रडिट प्वॉईंट देने का ठेका एक निजी कंपनी को दिया और इस कंपनी के जरिए 30 प्वॉईंट लेना अनिवार्य किया. साथ ही इसे लेकर आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किये. जिसके तहत डॉक्टरों द्वारा आर्य नीति वेबसाइट पर लॉग इन करने हेतु व प्रत्येक लेक्चर हेतु 550 रुपए भरने के बाद 0.5 के्रडिट प्वॉईंट मिलने वाले थे, यानि पूरे एक के्रडिट प्वॉईंट के लिए प्रत्येक डॉक्टर को 1100 रुपए तथा 30 क्रेडिट प्वॉईंट के लिए 33 हजार रुपए व 50 के्रडिट प्वॉईंट के लिए 55 हजार रुपए अदा करने पडते थे. जिसका डॉक्टरों के विविध संगठनों द्वारा विरोध किया गया तथा पूरी इमानदारी के साथ वैद्यकीय व्यवसाय करने वाले डॉक्टरों को ऑनलाइन सीएमई के जरिए के्रडिट प्वॉईंट के नाम पर लूटे जाने आपत्ति उठाई गई. जिसकी दखल लेते हुए एमसीआईएम ने विगत 23 अगस्त को पत्र जारी करते हुए ऑनलाइन सीएमई के जरिए के्रडिट प्वॉईंट देने की ठेका पद्धति पर फिलहाल स्थगिति लगाई है.