शहर की उन्नती व प्रगति में तेली समाज का योगदान हमेशा ही महत्वपूर्ण रहा
पूर्व महापौर विलास इंगोले का प्रतिपादन
* सांसद निधि से 20 लाख रुपए की सहायता देने का दिया आश्वासन
* वर-वधु परिचय सम्मेलन में 150 से अधिक युवक-युवतियों ने लिया सहभाग
अमरावती /दि. 16– शहर उन्नती और प्रगति में तेली समाज का योगदान हमेशा ही महत्वपूर्ण रहा है. पुराने शहर में तेली समाज की उपस्थिति और उनका सहभाग हमने अब तक देखा है. इस परिचय सम्मेलन के साथ सामाजिक जीवन में तेली समाज का सहभाग हमेशा ही बढता रहा है. जिसके कारण आज समाज को अनन्यसाधारण महत्व प्राप्त हुआ है, ऐसा प्रतिपादन पूर्व महापौर विलास इंगोेले ने व्यक्त किया.
स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में रविवार को आयोजित सर्वशाखीय तैलिक व संताजी बहुउद्देशीय शिक्षण प्रसारक संस्था द्वारा तेली समाज राज्यस्तरीय वर-वधु परिचय सम्मेलन के अवसर पर सत्कारमूर्ती के तौर पर बोल रहे थे. इस अवसर पर उनका तेली समाज द्वारा पुष्पगुच्छ प्रदान कर सत्कार किया गया. सम्मेलन का उद्घाटन पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता के हाथों संपन्न हुआ. इस अवसर पर पूर्व सांसद अनंत गुढे, डॉ. संजय शिरभाते, नागपुर के विधायक अभिजीत वंजारी, अनील बानाईत, जयदादा बेलखडे, डॉ. प्रवीण चौधरी, मोहन शिरभाते, शिक्षाधिकारी निलिमा टाके, बालासाहेब औतकर, महेशराव माथुरकर, नंदू तिखिले, श्रीराम सुखसोहले, अविनाश टाके, अविनाश राजगुरे, संतोष शिरभाते, विजयराव गुल्हाने, संजय जायले, डॉ. राहुल लोखंडे, संजीव मापले, सुनील मालोदे, इंजी. राजेश आगरकर आदि प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
पूर्व महापौर इंगोले ने अपने संबोधन में आगे कहा कि, पिछले 25 सालों से तेली समाज द्वारा इस प्रकार के वर-वधु परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. समाज की किताब ‘रेशीम गाठी’ के माध्यम से विवाह तय करना आसान हुआ है. इस किताब के माध्यम से केवल विवाह इच्छुक युवक-युवतियां ही नहीं बल्कि उनके परिवार से मेलमिलाप का समाज द्वारा प्रयास किया जा रहा है. भविष्य में तेली समाज का परिचय सम्मेलन स्वयं के भवन में होगा, इसके लिए मनपा क्षेत्र की 7 हजार स्केअर फीट जगह समाज को जल्द ही सौंपी जाएगी. केवल जमीन मुहैया करवाना हमारा उद्देश्य नहीं है. उस पर भवन का निर्माण भी होना चाहिए. इसके लिए सांसद बलवंत वानखडे की निधि से तेली समाज को 20 लाख रुपए की निधि भी उपलब्ध करवाई जाएगी, ऐसी घोषणा पूर्व महापौर विलास इंगोले ने की.
वर-वधु परिचय सम्मेलन को जिले के पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता ने संबोधित करते हुए कहा कि, तेली समाज हमेशा ही इस प्रकार के परिचय सम्मेलन का आयोजन करता है. लेकिन अब समाज को केवल परिचय सम्मेलन न लेते हुए इसी मंच पर विवाह तया करने का भी प्रयास करना चाहिए, ताकि समाज के सामने एक आदर्श स्थापित हो. वर्तमान में विवाह के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाते है. अगर हम इस खर्च को कुछ कम कर सके तो उन माता-पिता का आर्थिक बोझ कम होगा. जो आर्थिक रुप से सक्षम नहीं है और अपनी बेटियों की खुशी के लिए कर्ज लेकर उनका विवाह तय करते है.
स्वागताध्यक्ष डॉ. संजय शिरभाते ने सम्मेलन की रुपरेखा प्रस्तुत की और उन्होंने हर साल आयोजित परिचय सम्मेलन के इतिहास के पन्नो को फिर एक बार पलटते हुए अब तक हुए आयोजन का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया. वर-वधु परिचय सम्मेलन के पहले सत्र में 65 और दूसरे सत्र में 80 वर- वधुओं ने मंच पर आकर अपना परिचय दिया. तेली समाज द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय सम्मेलन में अमरावती के अलावा यवतमाल, अकोला, वर्धा, नागपुर, चंद्रपुर तथा मध्य प्रदेश से भी युवक-युवतियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. परिचय सम्मेलन में तीन से चार हजार समाजबंधु उपस्थित थे. सम्मेलन की प्रस्तावना किशोर जिरापुरे ने रखी व संचालन अजय औतकर ने किया तथा आभार सहसचिव प्रकाश बनारसे ने माना. सम्मेलन को सफल बनाने राजेश शिरभाते, संगीता औतकर, मनोहर उमक, रंजना बनारसे, एड. सुषमा बिसने, किशोर वाठ, विजय शिरभाते, अरविंद चौधरी, सुनील मालोदे, रमेश सहारे, प्रकाश मंजलवार, अनील बिजवे, प्रा. सुनील चौकडे, विजय शिरभाते, संजय ढोले, डॉ. प्रमोद गुल्हाने, किशोर गुल्हाने ने अथक प्रयास किया.