रिम्स् अस्पताल में क्रिटीकल ऑब्स्टेट्रीक केयर यूनिट की सुविधा उपलब्ध
अब आपात स्थितिवाले जच्चा-बच्चा का इलाज होगा आसान
* स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कल्पना राठी ने दी जानकारी
अमरावती/दि.7– किसी समय अमरावती शहर सहित जिले में सिटी स्कैन व एमआरआय जैसी आधुनिक मशीनें नहीं थी. साथ ही गंभीर स्थिति में रहनेवाले मरीजों हेतु आवश्यक रक्त परीक्षण की सुविधाएं भी यहां पर पूरी तरह से उपलब्ध नहीं थी. जिसके चलते गंभीर स्थिति में रहनेवाले जच्चा-बच्चा को मजबूरी में नागपुर रेफर करना पडता था और ऐसा करना भी कई बार मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता था. इस बात के मद्देनजर अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस रेन्बो इन्स्टिटयूट ऑफ मेडिकल सायन्सेस यानी रिम्स् अस्पताल में अब क्रिटीकल ऑब्स्टेट्रीक केयर यूनिट की सुविधा उपलब्ध करायी गई है. जिससे अब गंभीर से गंभीर स्थिति में रहनेवाले जच्चा व बच्चा का अमरावती में ही सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकेगा. इस आशय की जानकारी रिम्स अस्पताल की संचालिका तथा ख्यातनाम स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कल्पना राठी द्वारा दी गई है.
रिम्स अस्पताल में क्रिटीकल ऑब्स्टेट्रीक केयर यूनिट उपलब्ध होने को एक स्वप्नपूर्ति बताते हुए डॉ. कल्पना राठी ने कहा कि, प्रसूति संबंधी शल्यक्रिया में कब किस तरह की कोई अनहोनी हो जाये, यह तय नहीं होता और प्रसूति के दौरान ऐन समय पर किसी भी तरह की समस्या या दिक्कत पैदा हो सकती है. इस बात के मद्देनजर अमरावती में सभी स्त्री रोग विशेषज्ञ एक-दूसरे के साथ समन्वय व संपर्क रखते हुए टीम वर्क की तरह काम भी करते है. लेकिन कई बार कुछ ऐसी आपात स्थितियां पैदा हो जाया करती थी, जब अमरावती में मरीज का इलाज करना संभव नहीं हो पाता था और उन्हें मजबुरी में नागपुर रेफर करना पडता था. लेकिन जब तक मरीज सहीसलामत नागपुर न पहुंच जाये, तब तक यहां हमारी जान हलक में अटकी रहती थी. ऐसे में इस तरह की स्थिति को टालने हेतु अमरावती के कई स्त्रीरोग विशेषज्ञोें ने अमरावती में ही एक महत्वपूर्ण देखभाल इकाई स्थापित करने का सपना देखा, ताकि माताओं और नवजात शिशुओं के जीवन को कुछ हद तक बचाने में मदद की जा सके. सभी की सहमति व सहयोग से इस कार्य हेतु एक-एक कदम बढाते हुए प्रयास शुरू किये गये है. साथ ही चूंकि रिम्स अस्पताल में एक ही छत के नीचे अत्याधुनिक चिकित्सा की अनेकों सुविधाएं उपलब्ध है. ऐसे में रिम्स अस्पताल में ही इस क्रिटीकल ऑब्स्टेट्रीक केयर यूनिट को स्थापित किया गया. अब यहां पर स्थापित की गई नवजात गहन देखभाल इकाई भी बेहद फायदेमंद है. क्योंकि यह ऑपरेशन थिएटर से ही जुडी हुई है. साथ ही मां को भी यह संतुष्टि रहती है कि, उसका बच्चा उसके ही पास अस्पताल के किसी अन्य कमरे में भरती है. ऐसे में नवप्रसूता महिला को मानसिक सहारा मिलता है और जब पूरी तरह से चुस्त-दुरूस्त होकर नवप्रसूता महिलाएं अपने नवजात बच्चे को गोद में लेते हुए हंसते-मुस्कुराते अपने घर के लिए रवाना होती है, तो इससे हमें भी एक आत्मीक आनंद प्राप्त होता है.
इसके साथ ही डॉ. कल्पना राठी ने यह भी कहा कि, हाल ही में रिम्स अस्पताल ने अपनी पहली वर्षगांठ मनायी है. ऐसे में अब अस्पताल की सुविधाओं को और अधिक चुस्त-दुरूस्त व अत्याधुनिक करने हेतु बीते एक वर्ष के कामकाज की समीक्षा की जायेगी, ताकि अपनी सेवाओं को और भी अधिक बेहतर किया जा सके.