अमरावती/ दि. 15-निर्माण कार्य के मटेरियल के साथ प्लंम्बिंग में लगनेवाली सामग्री के दाम में भी जबर्दस्त वृध्दि के साथ प्लंम्बिंग के कार्य करनेवाले मजदूरों की भी मजदूरी बढने से पहले की अपेक्षा प्लंम्बिंग का काम खर्चीला हुआ है. जिसकी वजह से निर्माण कार्य करनेवालों को दाम बढने का बडा आर्थिक झटका सहन करना पड रहा है.
निर्माण कार्य में लगनेवाल मटेरियल सीमेंट, ईंट, स्टील, गिट्टी, बालू रेत के भी दाम बढ गये है. उल्लेखनीय है कि निर्माण कार्य में सबसे महत्वपूर्ण प्लंम्बिंग का काम होता है. हर साल मजदूरी और साहित्यों के दाम बढने से नागरिकों को ज्यादा पैसे खर्च करने पड रहे हैं. घरों का निर्माण कार्य या अन्य इमारत के निर्माण कार्य के लिए दर्जेदार मटेरियल ज्यादा पैसे खरीदने के बावजूद भी कालांतर में प्लंम्बिंग का कार्य पुन: करना पडता है. पहले प्लंम्बिंग के साहित्य के दाम कुछ प्रमाण में कम थे. किंतु अब प्लंम्बिंग के साहित्य के दाम आसमान को छू रहे है. इतना ही नहीं मजदूरी भी बढ गई है. इसके परिणामस्वरूप नागरिकों को ज्यादा दाम चुकाने पड रहे हैं.
* मटेरियल की तुलना में मजदूरी कितनी ?
प्लंम्बिंग का काम करने के लिए कला का उपयोग करना पडता है. 1 लाख के मटेरियल पर कम से कम 20 से 25 हजार रूपए मजदूरी देनी पडती है.
* प्लंम्बिंग की तकनीक बदली
15 वर्ष पूर्व प्लंम्बिंग का काम केवल नल जोडने तक ही सीमित था. अब प्लंम्बिंग के काम में नई तकनीक आयी है. नई तकनीक में प्लंम्बिंक के साहित्य के दाम भी पिछले कुछ वर्षो की तुलना में बढे हैं. बॉक्स
प्लंम्बिंग के काम में कला कौशल और मेहनत लगती है
पिछले कुछ सालों में प्लंम्बिंग के साहित्य के दामों में वृध्दि हुई है. वैसे तो हर क्षेत्र में महंगाई बढी है. प्लंम्बिंग के कामों में कला कौशल और मेहनत लगती है. उसकी तुलना में थोडी बहुत महंगाई योग्य है.
एक प्लंबर व्यवसायी
* जीर्ण, निर्माणधीन इमारत में प्लंम्बिंग का महत्व
जीर्ण हुई इमारत की दुरूस्ती करने व निर्माणधीन इमारत में प्लंम्बिंग का काम करनेवालों के सामने बडा आवाहन रहता है. पुराने निर्माण कार्य व साहित्य की तोडफोड कर नया साहित्य स्थापित करने का काम करना पडता है. पहले की अपेक्षा निर्माणधीन कार्य में बदलाव आया है. जिसमें निर्माण कार्य के पहले या बाद में प्लंम्बिंग का काम किया जाता है.
* मजदूरी और साहित्य में वृध्दि
प्लंम्बिंग की मजदूरी 100 से 150 रूपए बढी है और प्लंम्बिंग के साहित्य में 25 से 35 प्रतिशत वृध्दि हुई है. जिसके चलते प्लंम्बिंग का खर्च बढ गया है.