अकोला के चोर को न्यायालय ने सुनाई एक माह की सश्रम कैद
तिवसा कोर्ट ने निर्दोष छोडा था, जिला कोर्ट ने सुनाई सजा
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पहला अपराध रहने से दी राहत
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तीन वर्ष अच्छे बर्ताव का बाँड लिखवा लिया
अमरावती / प्रतिनिधि दि.10 – जिले के तिवसा पुलिस स्टेशन अंतगर्र्त मोझरी में 22 नवंबर 2014 को शेषराव कांडलकर के घर में चोरी करते रंगेहाथों पकडे गए अकोला जिले के महागांव निवासी जितू दादाराव जाधव नामक चोर को स्थानीय जिला न्यायालय ने दफा 380 में एक माह सश्रम कैद व 3 हजार रुपए जुर्माना तथा दफा 454 में 45 दिन सश्रम कैद व 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. यह उसका पहला अपराध रहने से न्यायालय ने उसे 20 हजार रुपए के पीआर बाँड पर 3 वर्ष अच्छे बर्ताव का प्रतिज्ञापत्र लिया. न्यायालय ने तिवसा के प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी व्दारा सुनाए गये फैसले के खिलाफ सरकार की ओर से दायर अपील में यह नया फैसला सुनाया. तिवसा न्यायालय ने जितू जाधव को इस मामले में निर्दोष करार देकर बरी किया था.
जानकारी के अनुसार मोझरी निवासी शेषराव कांडलकर के पडोस में तेरवी का कार्यक्रम था. 22 नवंबर 2014 को दोपहर ढाई बजे वे जब घर आये तो उन्हें घर की संकली खुली दिखी तथा घर में उन्हें एक युवक चोरी करते दिखाई दिया. शेषराव कांडलकर ने जब हो हल्ला मचाया तब पडोसी दौडकर आये और उन्होेंने जितू जाधव को चोरी करते रंगे हाथों पकडा. उस समय इस चोर ने शेषराव के घर से 2300 रुपये कीमत के जेवरात चुराये थे.
प्रथमश्रेणी न्यायदंडाधिकारी तिवसा ने शिकायतकर्ता व्दारा जब्त साहित्य पर हक्क नहीं जताने से आरोपी को संदेह का लाभ देकर निर्दोष छोडा था. किंतु सरकारी पक्ष को यह निर्णय मान्य न रहने से सहायक सरकारी अभियोक्ता एड.प्रफुल्ल तापडिया ने 15 जून को जिला व सत्र न्यायालय में अपील दायर की थी. दोनों पक्षों की दलीले सुनकर जिला न्यायालय ने आरोपी को दफा 380 में एक माह सश्रम कैद व 3 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 7 दिन अतिरिक्त साधी कैद की सजा सुनाई तथा धारा 354 में 45 दिन सश्रम कैद व 5 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 15 दिन साधे कैद की सजा सुनाई तथा आरोपी का यह प्रथम अपराध रहने से प्रोबेशन ऑफ आफेंडर एक्ट 1998 की धारा 4 के तहत 20 हजार रुपए के पीआर बाँड पर अच्छे बर्ताव का प्रतिज्ञा पत्र देने का आदेश दिया.