आंगन में बंधे गाय-बैल हो रहे गायब
ग्रामीण पुलिस में 4 वर्ष दौरान 618 मामले दर्ज

* 954 आरोपियों पर कार्रवाई, 4177 गौवंश बरामद
अमरावती/दि.22 – किसानों द्वारा अपने गाय व बैल जैसे पशुधन को अपने बच्चों की तरह संभाला जाता है. जिन पर हमेशा ही मवेशी चोरों की नजर रहती है. सन 2022 से मार्च 2025 की कालावधि दौरान ग्रामीण पुलिस के विविध पुलिस थानों में मवेशी चोरी को लेकर 618 अपराधिक मामले दर्ज किए गए. जिनकी जांच करते हुए ग्रामीण पुलिस ने 954 आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ ही 4177 गौवंशीय जानवरों को जब्त भी किया है. साथ ही साथ गाय व बैल चोरी मामले में पुलिस ने 335 वाहनों को भी जब्त करते हुए, ऐसे मामलों में अब तक 33 करोड 26 लाख 90 हजार 613 रुपयों का माल बरामद किया. परंतु पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई किए जाते रहने के बावजूद भी मवेशी पालकों के आंगन में बंधे गाय व बैल जैसे पालतु मवेशी गायब हो जाते है. जिसमें से कई मवेशी कभी नहीं मिलते और उनका आगे चलकर क्या होता है, इसका भी पता नहीं चलता.
बता दें कि, जिले के ग्रामीण तथा सीमावर्ती क्षेत्रों से गौवंश की बडे पैमाने पर तस्करी की जाती है और गौवंश तस्करी करनेवाले वाहनों पर पुलिस द्वारा हमेशा ही कडी नजर भी रखी जाती है. ऐसे में मवेशी चोरों द्वारा अब मवेशी पालकों के आंगन में बंधे रहनेवाले मवेशियों पर अपनी निगाहें टिकाई गई है. जिसके चलते मवेशी पालकों के आंगन से गाय व बैल जैसे जानवरों की चोरियां हो रही है.
* क्या होता है चोरी गए जानवरों का?
चुराए गए जानवरों को कटाई हेतु बूचडखानों में भेज दिया जाता है. वहीं चुराए गए बकरी व बकरे को बाजार में बेचा जाता है. इसके अलावा यदि पुलिस द्वारा ऐसे जानवरों को बरामद कर लिया गया तो उनकी रवानगी गौशाला में की जाती है.
* विगत चार वर्षों के दौरान मवेशी चोरी को लेकर 418 मामले दर्ज किए गए. जिनमें 954 आरोपियों पर कार्रवाई करने के साथ ही 4177 गौवंशीय जानवर बरामद करते हुए 33 करोड 26 लाख रुपए का माल जब्त किया गया.
– किरण वानखडे
पुलिस निरीक्षक, अपराध शाखा
जिला ग्रामीण पुलिस विभाग
* क्या कहते है आंकडे
वर्ष दर्ज अपराध गौवंश बरामद
2022 151 662
2023 236 1649
2024 192 1534
2025 39 332
कुल 618 4177