मुर्तीजापुर/प्रतिनिधि दि.३० – तहसील के 2007 से प्रलंबित काटेपुर्णा बैरेज प्रकल्प को हाल ही में संशोधित प्रशासकीय मान्यता मिली है. यह मान्यता केवल सरकार ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस व्दारा किये गए प्रयासों से ही मिली, ऐसा दावा जयंत पाटिल ने किया है. इस मान्यता के लिए हमने ही प्रयास किये, लेकिन इसका श्रेय लाटने के लिए स्पर्धा शुुरु की.
जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल के अनुसार तहसील के व जिले के राष्ट्रवादी नेता अमोल मिटकरी, संग्राम गावंडे, रवि राठी आदि ने व जलसंपदा राज्यमंत्री बच्चू कडू व्दारा किये गए प्रयासों से 533 करोड की मान्यता हमने दी है. इस प्रकल्प का काम अनेक वर्षों से प्रलंबित था. पिछले सरकार ने गति देना आवश्यक था. किंतु ऐसा नहीं हुआ. इस बीच संशोधित प्रशासकीय मान्यता के लिए सोशल मीडिया पर जबर्दस्त पत्रक बाजी व विज्ञापनबाजी शुरु थी. जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल के बयान से इस श्रेय विवाद पर पर्दा गिरा. तहसील के मंगरुल कांबे प्रकल्प निर्माण के लिए 31 अगस्त 2007 को प्रस्ताव भेजा गया था. वह मंजूर होकर उसके लिए 96 करोड रुपए का निधि प्रस्तावित किया गया था. तभी से यह प्रकल्प अधुरे स्थिति में है. अब फिर से 24 मार्च को मंत्री मंडल की बैठक में 533 करोड 81 लाख रुपए की संशोधित मान्यता दी गई. यह प्रकल्प पूर्ण हुआ तो 13 गांव की 4 हजार 281 खेत जमीन सिंचाई में आयेगी. जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल 6 फरवरी को आये तब इस प्रकल्प बाबत उन्होंने उस समय प्रकल्प पूर्ण कर लेने के लिए हम ध्यान रखेंगे, इस तरह का आश्वासन दिया था तथा उन आश्वासनों का पालन भी किया.
अकोला जिले के काटेपुर्णा बैरेज की संशोधित प्रशासकीय मान्यता पिछले कई दिनों से प्रलंबित थी. सही मायने में पिछली सरकार ने इसे गति देना आवश्यक था. स्थानीय नेता व राज्यमंत्री बच्चू कडू के प्रयासों से हमने यह मान्यता दी है.
– जयंत पाटिल, जलसंपदा मंत्री, महाराष्ट्र राज्य.