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गर्भवती महिला व गर्भस्थ शिशु की मृत्यु मामले में दर्ज हो सदोष मनुष्यवध का अपराध

विधायक राजकुमार पटेल ने सौपा जिप सीईओ को ज्ञापन

* दहेंद्री की घटना को लेकर व्यक्त किया संताप
अमरावती/दि.4 – विगत दिनों चिखलदरा तहसील अंतर्गत दहेंद्री गांव में रहने वाली कविता अनिल साकोम नामक गर्भवती महिला और उसके गर्भस्थ शिशु की मृत्यु मामले की मृत्यु के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से जिम्मेदार है. ऐसे में इन दोनों मौतों के लिए दहेंद्री के स्वास्थ्य उपकेंद्र, काटकुंभ के आरोग्यवर्धिनी केंद्र व चुरणी के उपजिला अस्पताल के अधिकारियों व कर्मचारियों को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज किया जाये. इस आशय की मांग का ज्ञापन मेलघाट क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल ने जिप सीईओ को सौंपा है.
इस ज्ञापन में विधायक राजकुमार पटेल का कहना रहा कि, दहेंद्री गांव मेें रहने वाली गर्भवती महिला कविता साकोम को प्रसूति हेतु अस्पताल में भर्ती कराने हेतु समय पर रुग्णवाहिका नहीं मिलने के चलते पहले उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हुई और फिर उक्त महिला ने भी इलाज के दौरान दम तोड दिया. साथ ही विधायक पटेल का कहना रहा कि, दहेंद्र व काटकुंभ के स्वास्थ्स केंद्रों व चुरणी के उपजिला अस्पताल में वैद्यकीय अधिकारी व कर्मचारी अपने कर्तव्यों को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के स्वास्थ्य को लेकर कोई परवाह भी नहीं करते. ऐसी ही लापरवाही की वजह से कविता साकोम व उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हुई है. जिसके लिए जिम्मेदार रहने वाले लोगों पर कडी कार्रवाई होनी चाहिए.

* मेलघाट में वरिष्ठाधिकारी कर रहे आशा वर्करों का आर्थिक शोषण
इसके साथ ही जिप सीईओ के नाम जारी स्वतंत्र ज्ञापन में विधायक राजकुमार पटेल ने आरोप लगाया कि, मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत धारणी, चिखलदरा व अचलपुर तहसीलों में कार्यरत आशा वर्करों के साथ उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आर्थिक शोषण किया जा रहा है और आशा वर्करों से अवैध वसूली की जाती है. विधायक पटेल के मुताबिक विगत मार्च माह में आशा वर्कर महिलाओं के लिए साडी खरीदी हेतु प्रति आशा वर्कर 1200 रुपाए का अनुदान आया था. यह रकम साडी खरीदी के लिए किसी भी आशा वर्कर को नहीं दिये गये और आज तक साडियां भी खरीदकर नहीं दी गई. बल्कि इस रकम को गडप कर लिया गया है. इसी तरह सरकार ने हाल ही में आशा वर्करों के मानधन में वृद्धि की है और जल्द ही वृद्धिंगत मानधन की रकम भी आशा वर्करों को वितरीत की जाएगी. परंतु वृद्धिंगत फर्क की रकम देने हेतु आशा वर्कर महिलाओं से 5-5 हजार रुपए की मांग की जा रही है. यह अपने आप में बेहद गंभीर मामला है. अत: इस मामले की सघन जांच होनी चाहिए, ऐसी मांग भी विधायक राजकुमार पटेल ने जिप सीईओ के समक्ष उठाई है.

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