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भास्कर भोपसे मृत्यु मामले में दर्ज होगा हत्या का अपराध

खदान पुलिस नए सिरे से करेगी मामले की जांच

* अकोला के प्रथमश्रेणी न्यायदंडाधिकारी ने दिया आदेश
अमरावती/ दि. 11- स्थानीय गोपाल नगर परिसर के स्वागत कॉलोनी में रहने वाले भास्कर समाधान भोपसे की संदेहास्पद मौत के मामले में हत्या का अपराध दर्ज करते हुए मामले की नए सिरे से जांच करने और जांच की रिपोर्ट जल्द से जल्द अपने सामने पेश करने का आदेश अकोला के प्रथमश्रेणी न्यायदंडाधिकारी एस. बी. यादव की अदालत ने अकोला की खदान पुलिस को दिया है. ऐसे में अब भास्कर भोपसे मृत्यु मामले की नए सिरे से जांच होगी और इसे हत्या का मामला मानते हुए खदान पुलिस व्दारा हत्या से संबंधित धाराओं के तहत अपराध दर्ज करते हुए आरोपियों को नामजद किया जाएगा.
इस मामले को लेकर भास्कर भोपसे के भाई आशिष भोपसे ने अकोला की अदालत में याचिका दायर करते हुए बताया था कि, उसके भाई भास्कर भोपसे अकोला स्थित श्रीराम सिटी युनियन फायनान्स कंपनी में सिनियर मैनेजर के तौर पर काम करता था और 19 अप्रैल 2018 को उसका विवाह अकोला में रहने वाली रसिका संतोषराव गोरले के साथ हुआ था, जिसके साथ भास्कर अकोला में ही रहा करता था. भास्कर महिने में एक बार अमरावती आना-जाना करता था और वह हमेशा ही बताया करता था कि, उसे उसकी पत्नी रसिका के भाई निखिल गोरले, मौसेरे भाई शुभम नागोराव घुसे व जयेश गोवर्धन खोडके तथा मामा व सेवानिवृत्त तहसीलदार सुरेश चिंतामणराव थोरात व्दारा पैसों की मांग करते हुए शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताडित किया जाता है. साथ ही रसिका व उसके भाई उसे हमेशा जान से मारने की धमकी दिया करते है. इसके अलावा रसिका ने भास्कर को यहां तक कहा था कि, उसे कोई और व्यक्ति पसंद है. इसके पश्चात 1 अप्रैल 2021 को तडके आशिष भोपसे को निखिल गोरले ने फोन पर बताया कि, उसके बडे भाई भास्कर को हार्टअटैक हुआ है तथा रसिका व अन्य रिश्तेदार उसे अस्पताल ले गए है. उस वक्त आशिष भोपसे नागपुर में था और जानकारी मिलते ही अपने एक दोस्त के साथ अकोला जाने निकला, लेकिन थोडी ही देर बाद रसिका के मामा सुरेशराव थोरात ने उसे फोन पर जानकारी दी कि, उसके भाई भास्कर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. ऐसे में अमरावती पहुंचने के बाद आशिष भोपसे अपने मामा उद्धव कलमखेडे व दो मौसा भिसे व भगत के साथ अकोला हेतु रवाना हुआ और सीधे अकोला के सरकारी अस्पताल पहुंचा. जहां पर उसके भाई भास्कर का शव लावारिस अवस्था में पडा था तथा अस्पताल में भास्कर की पत्नी रसिका सहित अन्य कोई रिश्तेदार भी मौजूद नहीं थे. पश्चात आशिष भोपसे अपने रिश्तेदारों के साथ कोठारी वाटीका क्रमांक-2 मलकापुर पहुंचा. जहां पर रसिका सहित उसके अन्य चार रिश्तेदार भी मौजूद थे और उन सभी ने भास्कर व्दारा आत्महत्या किये जाने की बात दोहराई, लेकिन जिस कमरे में भास्कर व्दारा आत्महत्या की जाने की बात कही गई थी, वहां पर आत्महत्या हेतु प्रयोग में लाई गई कोई रस्सी, दुपट्टा व अन्य साहित्य बरामद नहीं हुए. साथ ही जांच व पूछताछ के दौरान पता चला कि, जिस समय भास्कर की मौत हुई, तब परिवार के सभी सदस्य घर में मौजूद थे और जिस कमरे में भास्कर व्दारा आत्महत्या करने की बात कही गई, उस कमरे का दरवाजा भी खुला हुआ था. यह अपने आप में संदेह पैदा करने वाली बात है. जिसे लेकर उन्होंने तुरंत खदान पुलिस स्टेशन पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई और हत्या का मामला दर्ज करने की गुहार लगाई, लेकिन सेवानिवृत्त तहसीलदार रहने वाले रसिका के मामा सुरेशराव थोरात ने पुलिस के साथ मिलीभगत कर ऐसा नहीं होने दिया. ऐसे में उन्होंने 8 मार्च 2021 को अकोला के जिला पुलिस अधिक्षक तथा 16 मार्च 2021 को विशेष पुलिस महानिरीक्षक को इस संदर्भ में लिखित ज्ञापन सौंपा. लेकिन इसके बावजूद भी इस मामले में पुलिस व्दारा कोई कार्रवाई नहीं हुई. साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भास्कर की मौत का मामला दर्ज नहीं किया गया और इसे लेकर आज तक भोपसे परिवार को कोई जानकारी भी नहीं दी गई.
ऐसे में इस पूरे मामले को बेहद संदेहास्पद बताते हुए आशिष भोपसे ने फौजदारी प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत अदालत में याचिका दायर करते हुए उसके भाई भास्कर भोपसे की मौत के लिए जिम्मेदार पांचों लोगों पर भादंवि की धारा 107, 120 (ब), 201, 202, 203, 204, 302 व 149 के तहत मामला दर्ज किये जाने हेतु पुलिस को आदेश देने गुहार लगाई. जिसे स्वीकार करते हुए अकोला के प्रथमश्रेणी न्यायदंडाधिकारी एस. बी. यादव की कोर्ट ने खदान पुलिस को इस मामले में नए सिरे से जांच करने और जांच की रिपोर्ट जल्द से जल्द अपने सामने प्रस्तुत करने का आदेश दिया.

 

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