* ब्रह्माकुमारिज परिवार का ‘खुशी का पासवर्ड’ कार्यक्रम सफल
अमरावती /दि.28- ब्रह्माकुमारिज परिवार की अंतरराष्ट्रीय कीर्ति की वक्ता राजयोगिनी उषा दीदी ने कहा कि, हम जीवन में खुशियां बांटने आये है. जब जीवन में खुशी आती है, तो अपने साथ अनेक सुविधाएं लाती है. जबकि वर्तमान आपाधापी का युग सभी को तनावग्रस्त कर रहा है. ऐसे में हम आनंद को भूल रहे है. जीवन में तनाव के साथ भय और क्रोध अधिक स्थान ले रहा है. यह व्यवस्था बिल्कुल ठीक नहीं, इसलिए देना सीखें. जिस दिन देना सीख जाएंगे, उस दिन खुशी पाएंगे, महसूस करेंगे.
वे सोमवार शाम होटल प्राइम पार्क में समाजसेवी लप्पीसेठ जाजोदिया, राजयोगिनी सीता दीदी द्वारा आयोजित ‘खुशी का पासवर्ड’ कार्यक्रम में मार्गदर्शन कर रही थी. विधायक रवि राणा, राजयोगिनी सीता दीदी, प्रतिदिन अखबार के संपादक नानक आहूजा, समाजसेवी नानकराम नेभनानी, संत कंवरराम धाम के साईं राजेशलाल कंवर, चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनोद कलंत्री, कमलकिशोर मालानी, हरीश आडवानी आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
उषा दीदी ने अपने संबोधन में अनेक कथाओं, उद्धरणों का उल्लेख कर अपनी बात को समझाने का प्रयत्न किया. उन्होंने आगे कहा कि, हम जो सोचते हैं, उसके अनुसार हमारा आचरण होता है, इसलिए जब हम सकारात्मक विचारों को अपनाते हैं, तो हमारे जीवन में सकारात्मक उर्जा आती है. एक कुम्हार की कहानी बताते हुए उन्होंने आगे कहा कि, कुंभार गर्मियों के मौसम में मिट्टी से चिलम बनाने की कोशिश कर रहा था, तब उसकी पत्नी ने पूछा कि, आप क्या बना रहे हैं. कुम्हार ने कहा कि, मैं इस मिट्टी से चिलम बना रहा हूं. जिसे सुनकर कुमार की पत्नी ने कहा कि, मिट्टी से चिलम बनाने की बजाय आप मिट्टी के घडे क्यों नहीं बनाते, तब कुम्हार ने कहा, हां तुम कह रही हो यह बात सही है. अगर मैं मिट्टी के घडे बनाउंगा तो लोगों की गर्मी में इस मिट्टी के घडे में रखे हुए पानी से राहत मिलेगी तब वहां मिट्टी रोने लगी. मिट्टी से आवाज आयी तुम तो चिलम बना रहे थे, अब मिट्टी के घडे क्यों बना रहे है. कुम्हार ने कहा कि, पत्नी ने उसे यह सुझाव दिया है. मिट्टी ने उत्तर दिया कि, घडे बनाने का निर्णय लेकर आपने मेरा भाग्य बदल दिया.
उषा दीदी ने कहा कि, सदैव इस बात को याद रखना चाहिए कि, हमारे विचार से स्थिति बदल सकती है. सकारात्मक विचार होंगे, तो परिस्थितियां भी सकारात्मक हो जाएगी. जीवन में हम जैसा सोचते है, वैसा ही बनते है. जीवन में अच्छी चीजे देना सीखेंगे, तो सदैव खुश रहेंगे. राजयोगिनी सीता दीदी ने भी समयोचित विचार रखे. कार्यक्रम में अनुष्का डे ने नृत्य प्रस्तुत किया. बडी संख्या में शहर के गणमान्य ने ‘खुशी का पासवर्ड’ कार्यक्रम की शोभा बढाई. प्रारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ. आयोजन को सभी ने सराहा.