सेवानिवृत्त का निर्णय विभागीय सहनिबंधक पर निर्भर
शिक्षक बैंक सभासद मामले में सहकार मंत्री के विभागीय सहनिबंधक को आदेश
अमरावती /दि. 20– जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक में सभासद रहे सेवानिवृत्त संचालक तथा सभासदो को नाममात्र करनेबाबत आगामी कार्रवाई करने के निर्देश सहकार मंत्रालय ने विभागीय सहनिबंधक को दिए है. इस कारण अब सहकारी बैंक के सेवानिवृत्त को नाममात्र करना अथवा नहीं, इस बाबत का निर्णय लेने के अधिकारी विभागीय सहनिबंधक को दिए गए है. इस कारण शिक्षक सहकारी बैंक की राजनीति में नया मोड आनेवाला है.
इस संदर्भ में प्रभाकर झोड, संजय नागे, मंगेश खेरडे, मनोज चोरपगार तथा गौरव काले इन बैंक के 5 पूर्व संचालको ने 19 अप्रैल को विभागीय सहनिबंधक के पास सहकार कानून के मुताबिक मांग कर सेवानिवृत्त संचालक व सभासदो को नाममात्र करनेबाबत याचिका दायर की थी. इसके मुताबिक तत्कालिन विभागीय सहनिबंधक ने उनकी अर्जी मंजूर कर ली. बैंक के अध्यक्ष गोकुलदास राऊत सहित संचालक रामदास कडू तथा संभाजी रेवाले यह सेवा से निवृत्त होने से उन्हें नाममात्र सदस्य के रुप में घोषित करने की मांग याचिका में की गई थी. लेकिन उन्होंने उच्च न्यायालय से इस आदेश पर स्थगनादेश प्राप्त किया. अक्तूबर में उच्च न्यायालय में दोनो पक्षो की जिरह सुनी. शिक्षक बैंक यह नागरी बैंक नहीं है. वेतनदार कर्मचारी सहकारी बैंक रहने का युक्तिवाद आवेदको ने किया था. पश्चात यह प्रकरण सहकार मंत्रालय के पास गया तब 11 मार्च को इस पर सुनवाई हुई. सहकार मंत्री दिलीप वलसे पाटिल की तरफ से तत्कालिन विभागीय सहनिबंधक द्वारा दिए गए आदेश रद्द कर फिर से सुनवाई लेने के आदेश दिलीप वलसे पाटिल ने दिए है. इस कारण अब विभागीय सहनिबंधक की तरफ से इस आदेश पर कौनसी कार्रवाई होती है, इस बाबत सभासदो में उत्सुकता है.