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डंपिंग ग्राऊंड मामले में प्रतिवादी को हलफनामा दायर करना पडेगा

अब अगली सुनवाई 29 मई को

अमरावती/दि. 15 – मनपा के सुकली कंपोस्ट डिपो से होनेवाले प्रदूषण के लिए मनपा को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय हरित लवाद मनपा पर 47 करोड का जुर्माना लगा चुकी है. इस जुर्माने से बचने के लिए मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर रखी है. इस मामले में मनपा ने पिछली तारीख के समय कंपोस्ट डिपो में जमा बायोमायनिंग प्रक्रिया को पूर्ण करने विविध कारण देकर समय मांगा था. गत 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद आज इस मामले में फिर सुनवाई हुई. न्यायालय ने प्रतिवादी गणेश अनासाने को बायोमायनिंग से संबंधित कार्यो की वास्तविक स्थिति और सत्यापन के लिए हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए है और अब इस पर आगामी सुनवाई 29 मई को रखी गई है.
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2009 से 2019 के दौरान पर्यावरण के हुए नुकसान के लिए मनपा को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय हरित लवाद ने मनपा पर 33 करोड रुपए का जुर्माना ठोंका था. लेकिन मनपा की आर्थिक स्थिति कमजोर रहने का कारण बताते हुए मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर यह जुर्माना रद्द करने की मांग की थी. उस समय सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय हरित लवाद के आदेश पर स्थगनादेश देते हुए मनपा को प्रदूषण कम करने की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए थे. मनपा के सुकली कंपोस्ट डिपो में वर्ष 2009 से 2019 तक जमा कचरे के कारण शहरवासियों को प्रदूषण का सामना करना पड रहा है, इस आशय की शिकायत वसुंधरा फाऊंडेशन के गणेश अनासाने ने केंद्रीय हरित लवाद में की थी. जिस पर पुणे न्यायालय में सुनवाई चली और केंद्रीय हरित लवाद ने कचरे से होनेवाले प्रदूषण को रोकने के लिए मनपा द्वारा किसी भी तरह के कदम न उठाने के कारण मनपा को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर 33 करोड रुपए का जुर्माना लगाया था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टीस अभय ओका और जस्टीस पंकज मिथाल की पीठ के समक्ष 3 फरवरी को सुनवाई हुई थी. तब सुप्रीम कोर्ट ने कंपोस्ट डिपो में बायोमायनिंग का काम 22 अप्रैल से पहले पूर्ण कर वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करने के लिए अपनी रिपोर्ट 18 अप्रैल को दाखिल करने के निर्देश दिए थे. लेकिन मनपा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपना प्रतिज्ञा पत्र दाखिल नहीं किया गया. 22 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान मनपा की तरफ से एड. अंशूला ग्रोवर व संग्रामसिंग भोसले ने फिर समय मांगा था. इसके तहत इस मामले की आज सुनवाई हुई. सर्वोच्च न्यायालय में आज हुई सुनवाई में अमरावती मनपा द्वारा दायर हलफनामे को देखने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिवादी गणेश अनासाने के अमरावती मनपा के बायोमायनिंग से संबंधित कार्यो की वास्तविक स्थिति और सत्यापन के लिए मनपा द्वारा किए गए प्रयासो की जानकारी और वास्तविक स्थिति जानने के लिए हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए. उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचकर अपना निर्णय लेगा. प्रतिवादी को हलफनामा दायर करने समय दिया गया है और अगली सुनवाई अब 29 मई को होनेवाली है.

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