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महाप्रसाद हेतु तेल की मांग तीन गुना हुई

गजानन महाराज प्रकट दिन उत्सव का बढा आयोजन

* 6 हजार डिब्बों की विक्री
* गेहूं, ज्वार और बेसन में भी खरीदारी
अमरावती/ दि. 21-संत श्री गजानन महाराज का प्रकट दिन का उत्सव गुरूवार को धूमधाम से मनाने के साथ सैकडों जगह पर महाप्रसाद का आयोजन रहा. जिसमें हजारों भाविकों ने श्रध्दापूर्वक प्रसादी ग्रहण की. अभी भी आज और कल तथा रविवार तक गजानन महाराज के प्रसाद की धूम रहनेवाली है. जिससे स्थानीय सक्करसाथ में तेल सहित ज्वार, बेसन और गेहूं की खरीदारी की मात्रा तीन गुना बढ जाने का अनुमान खुद व्यापारियों ने व्यक्त किया. थोक तेल व्यवसायी मनोज झांबानी ने बताया कि बढे हुए रेट के बावजूद प्रसादी के लिए पिछले तीन दिनों से रोज 6 हजार कनस्तर (डिब्बा) तेल की विक्री हो रही है. आम तौर पर यह मात्रा केवल दो हजार कनस्तर की रहने का दावा मनोज झांबानी ने किया.
गोविंद सोमाणी ने बताया
होल सेल अनाज व किराणा मार्केट के अध्यक्ष गोविंद सोमानी ने बताया कि प्रकट दिन उपलक्ष्य आयोजित भंडारा प्रसादी के लिए शक्कर की विक्री 5 टन, गेहूं के आटे की विक्री 4 से 5 टन और ज्वार आटे की विक्री करीब 1 टन बढ गई. ऐसे ही चना दाल के बेसन की विक्री भी लगभग ढाई टन के करीब बढ जाने का अंदाजा है. उल्लेखनीय है कि सर्वत्र महाप्रसाद के आयोजन हो रहे हैं. जिससे किराणा सामग्री की विक्री में छलांग लगी है.
* 90 हजार किलो तेल की मांग
सक्कर साथ के व्यापारियों ने बताया कि तेल का कनस्तर (पीपा) 15 किलो अथवा 15 लीटर का रहता है. अलग- अलग कंपनी अलग- अलग मात्रा में पैकिंग करती है. 6 हजार डिब्बे की डिमांड इस सप्ताह केवल गजानन महाराज प्रकटोत्सव प्रसादी के कारण रही अर्थात 90 हजार किलो रोज तेल की मांग रही. बूंदी और झुनका बनाने के लिए बेसन एवं शक्कर और भाकर के लिए ज्वार के आटे की विक्री काफी बढ गई थी.
* हनुमान जयंती का अहसास
गजानन महाराज की भक्तिभावना हाल के वर्षो में बढी है. नित्य शेगांव दर्शन के लिए जानेवालों की संख्या सैकडों में हो गई है. उसी प्रकार हनुमान जयंती के भंडारे के अंदाज में प्रकटोत्सव की महाप्रसाद के बहुतेरे आयोजन होने से भी लोगोें को कुछ-कुछ अनुभव हनुमान जयंती जैसा आया. हनुमान जयंती पर प्रत्येक गली और प्रसिध्द मंदिरों में सबेरे से लेकर शाम तक भोजन प्रसादी के भंडारा चलते हैं.

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