अमरावती

वंचित ने मनपा में किया डमरू बजाओ आंदोलन

विभिन्न समस्याओं की ओर दिलाया प्रशासन का ध्यान

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२२ – विगत एक वर्ष से कोरोना महामारी का संक्रमण जारी रहने के दौरान अमरावती मनपा द्वारा नागरिकों को योग्य सुविधाएं देने की बजाय केवल जनता से धनउगाही करने का काम किया जा रहा है. साथ ही जनता द्वारा चुने गये नगरसेवकों ने एक बार भी मनपा के लचर कामकाज के खिलाफ आवाज नहीं उठायी और हर प्रभाग में स्वतंत्र स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए लोगों को इस महामारी के संकट से बचाने का भी काम नहीं किया गया है. यहीं वजह है कि, अमरावती में कोरोना के संक्रमण और मृत्युदर का प्रमाण काफी अधिक रहा. इस आशय का आरोप लगाते हुए वंचित बहुजन आघाडी ने मनपा में डमरू बजाओ आंदोलन किया.
प्रशासन सहित पार्षदों के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने हेतु किये गये डमरू बजाओ आंदोलन में वंचित बहुजन आघाडी के पदाधिकारियों ने कहा कि, 8 लाख की जनसंख्यावाले शहर में लोगों के इलाज हेतु सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों की संख्या बढाने की बजाय प्रशासन ने नियमबाह्य तरीके से निजी कोविड अस्पतालों को खोलने की अनुमति देनी शुरू की और इस काम में मनपा अधिकारियों ने जमकर चांदी काटी. वहीं सत्ताधारी व विपक्षी पार्षदों ने इसका कोई विरोध भी नहीं किया. आज शहर में मनपा के पास कोई एम्बुलन्स, मोबाईल अस्पताल, एक्स-रे मशीन, डेंटल क्लिनीक व ब्लड बैंक जैसी सुविधा अपने स्तर पर नहीं है. इसके बावजूद मनपा द्वारा आम जनता से प्रतिवर्ष करोडों रूपयों का टैक्स लिया जाता है. मनपा का प्रतिवर्ष 800 से 1000 करोड रूपयों का बजट होता है. किंतु यह पैसा स्वास्थ्य सुविधाओं पर क्यों खर्च नहीं होता. इस आंदोलन में वंचित बहुजन आघाडी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे.

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