अमरावती

विद्यार्थियों का विकास ही रहेगा केंद्रबिंदु

कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे का प्रतिपादन

अमरावती/दि.17 – विदर्भ के अमरावती विभाग में अनेक विद्यार्थियों के प्रश्न है वह सभी प्रश्नों का निवारण करने के पश्चात ही विद्यार्थियो का विकास होगा. विद्यार्थियों का विकास ही केंद्रबिंदु रहेगा ऐसा प्रतिपादन संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के नवनियुक्त कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे ने व्यक्त किया. वे सर्वोदय कॉलोनी व्दारा उनके सम्मान में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे.
नवनियुक्त कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे के सम्मान में गुरुवार को सर्वोदय कॉलोनी यहां सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था. जिसमें सत्कार के जवाब में वे बोल रहे थे. इस अवसर पर उनके पिता नामदेवराव मालखेडे, मां वेणुताई मालखेडे, पत्नी चित्रा मालखेडे, बेटी अरुधंती व बहनें उपस्थित थी. कुलगुरु मालखेडे ने आगे कहा कि विद्यार्थियों पर लक्ष्य केंद्रीत कर ही कार्य की शुरुआत की जाएगी. विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढाने की अत्यंत आश्यकता है. आत्मविश्वास बढने पर विद्यार्थी आपकी उम्मीद कभी नहीं छोडेगा. विद्यार्थी शिक्षा लेने के पश्चात बेरोजगार न रहे इसके लिए उसे सक्षम बनाने हेतु प्रयास किए जाएगें.
नवनियुक्त कुलगुरु मालखेडे ने कहा कि यवतमाल जिले में सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्या की है. मेलघाट में कुपोषण है जिसमें उन क्षेत्रों में जाकर विद्यार्थियों से संपर्क साधेंगे और उनकी निराशा दूर कर उन्हें ज्ञान के प्रवाह में लाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे. सत्कार समारोह में सत्कार समिति की ओर से शाल श्रीफल व स्मृति चिन्ह प्रदान कर डॉ. मालखेडे का व उनके माता-पिता का सत्कार किया गया.
सत्कार समारोह का प्रास्ताविक करते हुए प्राचार्य डॉ. संजय खडसे ने कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे के कार्यो की जानकारी दी और कहा कि नवनियुक्त कुलगुरु के अनुभव का लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा. कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजय खडसे ने किया तथा आभार डॉ. दिनेश राजूतकर ने माना. कार्यक्रम की शुरुआत में स्तवन प्रा. अनिता संजय खडसे ने प्रस्तुत किया. इस समय मनपा प्रतिपक्ष नेता व पार्षद बबलू शेखावत, संजय बालापुरे, प्रा. डॉ. संजय खडसे, प्रा. डॉ. दिनेश रोजतकर, चंद्रशेखर खंडारे, नरेंद्र गणोरकर, डॉ. विजय तायडे, प्रकाश शेलापुरकर, कृष्णा मोहकार, मधुकर बुंदिले, संजय सावरकर, विजय चापके, सतीश धुमाले सहित परिसर के नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.

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