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फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों का सच छिपा रहा जिला प्रशासन

भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया का सनसनीखेज आरोप

* अंजनगावं सुर्जी पहुंचकर की एसडीपीओ व थानेदार से भेंट, 40 मिनट बंद द्वार चर्चा
* तीन सदस्यीय एसआईटी की रिपोर्ट पर जताया संदेह, दर्ज कराई शिकायत
* अपने आरोपों की एवज में करीब 100 सबूत भी पेश किये, जांच की मांग उठाई
अमरावती/दि.6 – समूचे राज्य में अचानक ही जन्म प्रमाणपत्र हेतु 2.31 लाख आवेदन तहसील कार्यालयों को प्राप्त हुए. जिसमें से 99 फीसद आवेदन समूदाय विशेष से वास्ता रखने वाले लोगों की ओर से प्राप्त हुए थे और तहसीलदार कार्यालय द्वारा करीब सवा लाख जन्म प्रमाणपत्र जारी भी कर दिये गये. इसमें से कई प्रमाणपत्र तो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी हुए है. इस आशय का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता व पूर्व सांसद डॉ. किरीट सोमैया ने कहा कि, इस तरह के मामले राज्य के 54 शहरों में सामने आये है. जिसमें से 52 शहर विदर्भ व मराठवाडा क्षेत्र के है. साथ ही विदर्भ क्षेत्र के अमरावती, अकोला व यवतमाल जिलों में बडे पैमाने पर इस तरह से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का काम हुआ है. साथ ही अमरावती जिले के अंजनगांव सुर्जी तहसील कार्यालय के जरिए जाली दस्तावेजों के आधार पर गलत तरीके से जन्म प्रमाणपत्र जारी किये जाने का मामला उजागर होने के बाद जिला प्रशासन द्वारा एसआईटी जांच की आड लेते हुए पूरे मामले पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि दोषियों को बचाया जा सके.
बता दें कि, अंजनगांव सुर्जी तहसील में बडे पैमाने पर बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं द्वारा जाली दस्तावेजों के आधार पर तहसील कार्यालय से जन्म प्रमाणपत्र बनवा लेने का आरोप विगत दिनों भाजपा नेता व पूर्व सांसद डॉ. किरीट सोमैया द्वार लगाया गया था. इस संदर्भ में इससे पहले एक बार अंजनगांव सुर्जी का दौरा कर चुके किरीट सोमैया आज सुबह एक बार फिर मुंबई से अंजनगांव सुर्जी पहुंचे. जहां पर उन्होंने सीध उपविभागीय पुलिस अधिकारी सिद्धेश्वर धुमाल व थानेदार प्रकाश अहिरे से मुलाकात करते हुए दोनों पुलिस अधिकारियों के साथ करीब 40 मिनट तक बंद द्वार चर्चा की. जिसके उपरान्त अपने इस दौरे व पुलिस अधिकारियों के साथ हुई चर्चा के बारे में मीडिया कर्मियों को जानकारी देते हुए किरीट सोमैया ने बताया कि, उनके द्वारा इस मामले को उजागर किये जाने के बाद अमरावती के जिलाधीश ने 3 सदस्यीय एसआईटी का गठन करते हुए मामले की जांच करवाने की बात कही थी. लेकिन एसआईटी के नाम पर पूरे मामले में लिपापोती करने का काम करते हुए जांच रिपोर्ट में कहा गया कि, जन्म प्रमाणपत्र जारी करने को लेकर किसी तरह की कोई गडबडी नहीं हुई है. ऐसे में उन्होंने पूरे मामले की असलियत को उजागर करने हेतु आज अंजनगांव सुर्जी तहसील के उपविभागीय, पुलिस अधिकारी व क्षेत्र के थानेदार से मुलाकात करते हुए उन्हें इस मामले से संबंधित करीब 100 सबूत सौंपे तथा जिला व तहसील प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए इस मामले में राष्ट्रद्रोह का अपराध दर्ज करने की मांग उठाई.
भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने इस समय यह दावा भी किया कि, जिलाधीश द्वारा तहसील कार्यालय को जन्म प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार दिये जाते ही अंजनगांव सुर्जी के तहसील कार्यालय में 1484 आवेदन जन्म प्रमाणपत्र हेतु पहुंचे. जिसमें से 585 आवेदकों को अंजनगांव सुर्जी के तहसील कार्यालय द्वारा जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिये गये. वहीं करीब 900 आवेदनों को विचाराधीन रखा गया है. राज्य के अन्य शहरों की तरह अंजनगांव सुर्जी के तहसील कार्यालय में प्राप्त 1484 आवेदनों में भी 90 फीसद से अधिक आवेदन समूदाय विशेष से वास्ता रखने वाले लोगों के है और इसमें से ज्यादातर लोगों ने जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने हेतु फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया है. साथ ही साथ ऐसे फर्जी दस्तावेजों को तैयार करते हुए उनके आधार पर जन्म प्रमाणपत्र दिलाने हेतु अंजनगांव सुर्जी शहर में कुछ वकीलों, एजेंटों व तहसील प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत वाला रैकेट काम कर रहा है. यह अपने आप में बेहद संगीन मामला है. जिसकी सघन जांच होनी ही चाहिए. साथ ही जिस तरह से मालेगांव तहसील में तहसीलदार व नायब तहसीलदार के खिलाफ ऐसे ही मामले के चलते कडी कार्रवाई की गई. ठीक उसी तर्ज पर अंजनगांव सुर्जी तहसील कार्यालय के दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.
इस समय डॉ. किरीट सोमैया ने अपने द्वारा पेश किये गये सबूतों में से एक मामले के सबूत का उदाहरण देते हुए बताया कि, अंजनगांव सुर्जी तहसील में जन्म प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने वाले एक व्यक्ति ने अंजनगांव सुर्जी की उर्दू शाला का टीसी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया है. कमाल की बात यह है कि, उस व्यक्ति का जन्म सन 1932 में हुआ था और उसका उर्दू शाला में प्रवेश 1938 में हुआ था. साथ ही उस व्यक्ति ने सन 1945-46 के आसपास शाला छोड दी थी और उस समय कम्प्यूटर का अस्तित्व ही नहीं हुआ करता था. परंतु उस व्यक्ति ने उर्दू शाला का कम्प्यूटर पर बना हुआ टीसी प्रमाणपत्र अपने आवेदन के साथ जोडा है. जिसका सीधा मतलब है कि, उक्त टीसी प्रमाणपत्र फर्जी तरीके से कम्प्यूटर पर बनाकर तैयार किया गया. इसी तरह एक अन्य मामले का उदाहरण देते हुए किरीट सोमैया ने बताया कि, किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर किसी अन्य द्वारा जन्म प्रमाणपत्र हासिल किये जाने से संबंधित मामले के सबूत भी उनके पास है और उन्होंने यह सबूत उपविभागीय पुलिस अधिकारी व थानेदार को सौंपे है. इसके साथ ही किरीट सोमैया ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर सवालियां निशान उठाते हुए इस पूरे मामले का फॉरेंसिक ऑडिट किये जाने की मांग भी उठाई.
इस समय भाजपा के अंजनगांव सुर्जी शहराध्यक्ष उमेश भोंडे, दर्यापुर शहराध्यक्ष रवींद्र ढोकणे, जिला उपाध्यक्ष बाबाराव पाटिल बरवट, मूर्तिजापुर शहराध्यक्ष कोमल तायडे, एससी सेल के शहराध्यक्ष राजेश बांगर, उत्तर भारतीय मोर्चा के शहराध्यक्ष रित्विक शर्मा, किसान आघाडी के शहराध्यक्ष विलास धांडे, शहर सचिव सुनील पुंडकर, भाजयुमो के शहराध्यक्ष रुपेश बुंदिले व कमलाकर धरणठोक, जिला महामंत्री डॉ. विलास कविटकर, तहसील अध्यक्ष संतोष कोल, ओबीसी सेल के जिला उपाध्यक्ष एड. पद्माकर सांगोले, जिला उपाध्यक्ष विक्रम पाठक, जिला सचिव, प्रियंका मालठाणे, शहराध्यक्ष हेमा लेंडे, शहर उपाध्यक्ष सूरज कावे व मिलिंद गोतमारे, शहर महासचिव विद्या गडेकर, शहर उपाध्यक्ष सुवर्णा सरोदे, युवा मोर्चा के शहराध्यक्ष गौरव चांदूरकर, उपाध्यक्ष सौरभ जुनघरे, तहसील महासचिव विजय धुमाले तथा शिंदे सेना के उपतहसील प्रमुख प्रवीण मालगे आदि सहित भाजपा के अनेकों पदाधिकारी उपस्थित थे.

* मूर्तिजापुर से आये और अकोला रवाना हुए
बता दें कि, बीती रात ट्रेन के जरिए मुंबई से रवाना हुए भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया आज सुबह मूर्तिजापुर रेल्वे स्टेशन पर पहुंचकर वहां से सडक मार्ग के जरिए अंजनगांव सुर्जी हेतु रवाना हुए और सुबह करीब 10 बजे के आसपास अंजनगांव सुर्जी शहर स्थित एसडीपीओ कार्यालय पहुंचे. इस समय एसडीपीओ कार्यालय परिसर में ही क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने पूर्व सांसद सोमैया का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया. इसके उपरान्त एसडीपीओ व थानेदार से करीब पौने घंटे तक बंद द्वार चर्चा करने के उपरान्त किरीट सोमैया ने देवनाथ मठ के पास रहने वाले भाजयुमो के जिला सचिव निखिल श्रीवास्तव के निवास पर भेंट दी. जहां पर अल्पाहार व चाय-पानी के बाद वे अकोला के लिए रवाना हो गये.

* परिसर में था तगडा पुलिस बंदोबस्त
झेड प्लस की सिक्युरिटी प्राप्त रहने वाले भाजपा नेता किरीट सोमैया की सुरक्षा हेतु उनके साथ सीआईएसएफ के जवानों का काफीला था. वहीं एसडीपीओ कार्यालय सहित देवनाथ पीठ परिसर एवं अन्य क्षेत्रों में पुलिस का तगडा बंदोबस्त भी तैनात किया गया था.

* बिल्कुल जांच करों, ताकि सच सामने आये
– तहसीलदार पुष्पा सोलंके ने किसी भी गडबडी से किया इंकार
इस पूरे मामले को लेकर जानकारी एवं प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर अंजनगांव सुर्जी की तहसीलदार पुष्पा सोलंके (भालेराव) ने अधिकारिक तौर पर ऑन कैमरा कोई भी बयान देने से साफ इंकार कर दिया. लेकिन बातचीत के दौरान अपने पुराने बयान को दोहराते हुए यह जरुर कहा कि, उनके कार्यालय से जन्म प्रमाणपत्र जारी करने के एक भी मामले में कही कोई गडबडी नहीं हुई है तथा जिलाधीश की ओर से जारी निर्देशानुसार प्रत्येक आवेदन की पूरी जांच पडताल करने के बाद ही आवेदकों को जन्म प्रमाणपत्र जारी किये गये है. यदि इसके बावजूद भी किसी को इस मामले के संदर्भ में कोई संदेह है, तो मामले की बिल्कुल जांच कराई जानी चाहिए, ताकि संदेह दूर हो सके और सच सामने आ सके.

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