सौरऊर्जा निर्मिती से जिले को हर माह लाखो रुपए की बचत
जिले में 37.73 मैगावॉट बिजली की निर्मिती

* सूर्यघर योजना को उत्स्फूर्त प्रतिसाद
धामणगांव रेलवे/दि 9– प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में घर की छतो पर सौरऊर्जा प्रकल्प स्थापित कर बिजली की निर्मिती की जाती है. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा सौरऊर्जा निर्मिती प्रकल्प की क्षमतानुसार अनुदान दिया जाता है. जिसकी वजह से ग्राहको की सौरऊर्जा निर्मिती की ओर रुची बढ़ी है. जिससे जिले में लाखो रुपए की बचत हर माह हो रही है, ऐसी जानकारी महावितरण की ओर से दी गई है.
घर की छतो पर सौरऊर्जा प्रकल्प में घर की आवश्यकता से अधिक बिजली की निर्मिती होने से बिजली का बिल शून्य आता है. आवश्यकता से अधिक निर्माण बिजली महावितरण को बेचने से आय भी बढ़ती है. सौरऊर्जा निर्मिती में अमरावती जिला अव्वल है. सौरऊर्जा के माध्यम से बिजली ग्राहक लाखो रुपए की बचत भी कर रहे है.
* क्या है दिक्कत?
सौरऊर्जा का उत्पादन सूर्यप्रकाश पर निर्भर है. बदरीला मौसम, बारिश और रात को बिजली निर्मिती नहीं हो सकती. पैनल पर धूल, पक्षियों की विष्ठा जमने पर भी सौरऊर्जा की कार्यक्षमता पर परिणाम होता है.
* महीने में लाखो की बचत
जिले में 8829 ग्राहको की ओर से सौरऊर्जा प्रकल्प द्वारा 37.73 मैगावॉट बिजली की निर्मिती की जा रही है. जिसमें अमरावती ग्रामीण क्षेत्र, अचलपुर विभाग में सर्वाधिक बिजली की निर्मिती हो रही है. घरेलू इस्तमाल से ज्यादा बिजली निर्मिती होने पर बिजली का बिल शून्य आता है. जिसकी वजह से अमरावती जिले में लाखो रुपए की बचत हर माह हो रही है.
* पीएम सूर्यघर योजना के तहसील में कितने लाभार्थी?
तहसील प्राप्त आवेदन लाभार्थी
अचलपुर विभाग 2589 1261
(चिखलदरा, दर्यापुर,
धारणी,परतवाडा,
अं.सुर्जी)
अमरावती ग्रामीण 1477 566
( बडनेरा, भताकुली,
धामणगांव रेलवे, चांदुर
रेलवे, नांद. खंडेश्वर,
तिवसा)
अमरावती शहर 10125 6173
मोर्शी- 1656 829
(मोर्शी-वरूड, चांदुर
बाजार, शेंदुरजना घाट,
वरूड)
* क्या है योजना?
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में घर की छतो पर सौरऊर्जा प्रकल्प स्यापित कर बिजली की निर्मिती की जाती है. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा सौरऊर्जा प्रकल्प की क्षमता के अनुसार एक किलो वैट के लिए 30 हजार रुपए, दो किलो वैट के लिए 60 हजार रुपए, तीन किलो वैट के लिए 78 हजार रुपए का अमुदान दिया जाता है. अधिक से अधिक अनुदान 78 हजार रुपए है. इस योजना में ग्राहको को नेट मीटर मुफ्ता दिया जाता है.
* बिजली के बिल से मिलती है मुक्ति
सौरऊर्जा की वजह से प्रदूषण कम होता है. साथ ही पर्यावरण की भी सुरक्षा होती है. इसके अलावा कार्बन उत्सर्जन भी कम होता है. एक बार सौरऊर्जा प्रकल्प स्थापित करने के बाद बिजली के बिल में भी भारी बचत होती है और बिजली के बिल से मुक्ति मिलती है.
दीपक देवहाते, अधीक्षक अभियंता.