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भीम आर्मी ने की निलंबित करने की मांग
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जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा
अमरावती – हाल ही में १९ अगस्त को जिलाअस्पताल के वार्ड क्रमांक १ में कार्यरत नर्स ज्योती सांगले की लापरवाही के चलते नेरपिंगलाई निवासी मोना भूषण खंडारे नामक महिला को अपनी जान गवाना पडा. इस बारे में कार्रवाई करने को लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया. मगर लंबा समय बीत जाने के बाद भी किसी तरह का कदम नहीं उठाया गया, ऐसे निष्क्रिय जिला शल्यचिकित्सक के खिलाफ मनुष्य वध का अपराध दर्ज करते हुए उन्हें स्थायी तौर पर निलंबित किया जाए, ऐसी मांग को लेकर भीम आर्मी की ओर से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया.
सौंपे गए ज्ञापन में स्पष्ट आरोप लगाते हुए भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने कहा कि इस तरह के लापरवाही के कारण मरीजों को जान गवाना पडा है. यहां की नर्स व डॉक्टरों के खिलाफ कई शिकायतें सिटी कोतवाली पुलिस थाने व जिला शल्यचिकित्स को दी गई है. अगर अस्पताल के मरीजों से जानकारी ली जाए तो कई समस्याएं सामने आती है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि जिला शल्यचिकित्सक निष्क्रिय अधिकारी है क्योंकि जो भी मरीज यहां इलाज कराने आते है उन्हें उचित इलाज नहीं मिलता, इसी वजह से मरीजों को जान गवाना पडता है. उन्होंने ज्ञापन में यह भी कहा है कि जिला अस्पताल में सामान्य जनता के लिए एमआरआई प्राइवेट अस्पताल में एक पत्र देकर मुफ्त किया जाता था. जिससे लोगों के १० से १५ हजार रुपए बचते थे. मगर डॉ.निकम ने यह सुविधा बंद कर दी. जो मरीजों के पास रुपए नहीं है उन्हें अपनी जान गवानी पडती है.
इसलिए उपरोक्त मामले की सच्चाई जानने के बाद जिला शल्य चिकित्सक के खिलाफ मनुष्यवध का अपराध दर्ज कर डॉ.निकम को जिला शल्यचिकित्सक पद से स्थायी तौर पर मुक्त किया जाए, ऐसी मांग करते समय भीम आर्मी के महाराष्ट्र महासचिव प्रमुख तथा मुख्य प्रभारी मनीष साठे, जिला अध्यक्ष प्रवीण बनसोड, सुरेश तायडे, अर्जुन इंगोले, राजा संगीले, करण डेंडवाल, योगेश सूर्यवंशी, अशोक तायडे, दुर्गेश डोईफोडे, नवनीत तंतरपाले, अजय शिरसाट, नरेश नावंदर, सुधीर मोहोड, गजानन गवली, सुशिल वानखडे, प्रवीण वाकोडे, प्रवीण खंडारे, कुणाल तायडे, अक्षय काले, उमेश थोरात, अवि भुयार, तिलक डेंडवाल, कविता तायडे, मंदा गायकवाड, वेणूताई कांबले, दीक्षा तायडे, सुनिता कांबले, शोभा तायडे, मिरा किर्तकार, चिंचन दाभणे, अनिता मनवरे, आशा कांबले, रंजना कांबले आदि उपस्थित थे.