अमरावती

‘सातवीं पास’ की शर्त से कई लोगों का सरपंच बनने का ख्वाब टूटा

उम्मीदवार चुनने में राजनीतिक दलों के सामने भी समस्या

अमरावती/दि.30 – इस बार होने जा रहे ग्राम पंचायत चुनाव में सीधे जनता द्वारा सरपंच चुने जाने की पध्दति को रद्द करते हुए सरकारने इसमें संशोधन कर पहले की तरह ग्राम पंचायत सदस्यों में से सरपंच चुनने की अधिसूचना लागू की है. इसमें यह शर्त भी जोडी गयी है कि, 1 जनवरी 1995 के बाद जन्मे प्रत्याशियों के लिए सरपंच बनने हेतु न्यूनतम कक्षा सातवीं उत्तीर्ण रहना अनिवार्य किया गया है. यह शर्त 1 जनवरी 1995 से पहले जन्मे प्रत्याशियों हेतु लागू नहीं रहेगी. ऐसे में ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए इच्छूक जो युवा उम्मीदवार कक्षा 7 वीं उत्तीर्ण नहीं है, उनका सरपंच बनने का सपना अधूरा ही रह जायेगा. साथ ही सरपंच पद के लिए पात्र उम्मीदवार का चयन करने हेतु राजनीतिक दलों को भी जबर्दस्त कसरत करनी पडेगी. ऐसे में स्वाभाविक तौर पर 25 वर्ष से अधिक आयु रहनेवाले अनुभवी उम्मीदवारों को ही 25 वर्ष से कम आयु रहनेवाले प्रत्याशियों की तुलना में ज्यादा अवसर उपलब्ध होगा. हालांकि न्यूनतम शैक्षणिक पात्रता की शर्त को लागू कर सरकार द्वारा ग्राम पंचायत को सुशिक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक 25 वर्ष से कम आयु रहनेवाले उम्मीदवारों द्वारा यदि कक्षा सातवीं उत्तीर्ण रहने की अंकपत्रिका अपने नामांकन पत्र के साथ नहीं जोडी जाती है, तो उनका नामांकन आवेदन अपने आप ही रद्द हो जायेगा. इस समय जिले में 553 ग्राम पंचायतों के चुनाव होने जा रहे है, और नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है. साथ ही इस चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के बडे नेता भी मैदान में उतरते दिखाई दे रहे है. लेकिन सरकार के नये नियमोें की वजह से पैनल प्रमुखों की नाक में दम आ गया है. क्योेंकि इससे पहले सरपंच पद के आरक्षण का ड्रॉ ग्राम पंचायत चुनाव से पहले ही निकाल लिया जाता था. ऐसे में इस ड्रॉ के मद्देनजर राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशी तय किये जाते थे. लेकिन इस बार ग्रामपंचायत चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद सरपंच पद के आरक्षण का ड्रॉ निकाला जायेगा. जिसे लेकर सभी राजनीतिक दलों व पैनल प्रमुखों में चिंता देखी जा रही है, क्योेंकि इस समय किसी को यह पता नहीं है कि, किस ग्राम पंचायत का सरपंच पद किस संवर्ग के लिए आरक्षित होगा. अभी सभी लोग इस एक समस्या से ही जूझ रहे थे कि, सरकार ने सरपंच पद के लिए उम्मीदवार का न्यूनतम कक्षा सातवीं उत्तीर्ण रहना अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में अब अपने प्रत्याशी तय करते समय सभी राजनीतिक दलों को उनकी शैक्षणिक योग्यता भी जांचनी पड रही है. उल्लेखनीय है कि, ग्राम पंचायत स्तर पर कई सदस्य अशिक्षित व कम पढे-लिखे होते है. जो आगे चलकर सरपंच बनते हुए पूरे गांव के कामकाज का जिम्मा संभालते है. लेकिन अब कक्षा सातवीं से कम पढे-लिखे उम्मीदवारों की ग्रापं सदस्य बनकर सरपंच निर्वाचित होने की इच्छा अधूरी रह जायेगी.

सरपंच पद के लिए आरक्षण नहीं रहने से जबर्दस्त रस्साकशीं

इस बार चुनाव से पहले सरपंच पद के आरक्षण का ड्रॉ नहीं निकाला गया है, जो मतगणना एंव चुनाव परिणाम के बाद निकाला जायेगा. ऐसे में इस बार ग्रापं चुनाव में जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अमरावती जिले की 553 ग्राम पंचायतोें के लिए चुनावी कार्यक्रम घोषित किया गया है. इस हेतु विगत 23 दिसंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गयी है, और आगामी 15 जनवरी को इस चुनाव के लिए मतदान कराया जायेगा.

जन्म प्रमाणपत्र व अपत्य संख्या भी जरूरी

1 जनवरी 1995 तथा उसके बाद जन्में उम्मीदवारों का कक्षा सातवीं उत्तीर्ण रहना अनिवार्य किया गया है. साथ ही नामांकन प्रस्तुत करते समय नये बैंक खाते का पासबुक, डिपॉजीट रकम की पावती, 12 सितंबर 2001 के बाद जन्मे बच्चों की संख्या दो से अधिक नहीं रहने का प्रमाणपत्र, घर में शौचालय रहने का प्रमाणपत्र तथा पाणीपट्टी व संपत्ति कर बकाया नहीं रहने का प्रमाणपत्र पेश करना आवश्यक है.

आखरी दिन ऑफलाईन भी स्वीकारे गये नामांकन

कोरोना संक्रमण के साये में होने जा रहे ग्राम पंचायत चुनाव के लिए नामांकन हेतु ऑनलाईन प्रक्रिया अपनायी गयी थी. किंतु इसमें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. ऐसे में अब नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन 30 दिसंबर को नामांकन पत्र प्रस्तुत करने का समय शाम 5.30 बजे तक बढाया गया. साथ ही पारंपारिक ऑफलाईन पध्दति से नामांकन पत्र स्वीकारे गये. ऐसी जानकारी जिला निर्वाचन विभाग द्वारा दी गई.

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